दुनिया भर मे हर साल ब्रेन स्ट्रोक बीमारी के कारण लाखों लोगों की मौत होती है। स्ट्रोक एक जानलेवा बीमारी है। जिसमें इंसान के दिमाग के एक खास हिस्से में ब्लड स्पलाई पूरी तरह बंद हो जाती है। इस बीमारी में ये बात बहुत ज्यादा जरूरी है कि खून की सप्लाई ब्रेन के कौन से हिस्से में बंद हुई है। उसके हिसाब से ही लोगों में लक्षण देखने को मिलते है। जिससे ही बीमारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। न्यूरोलॉजिक डिसॉर्डर में कई तरह के लक्षण शरीर में देखने को मिलते है। मेडिकल भाषा में इन्हें ‘FAST’ कहता है। जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीमारी कितनी खतरनाक है। जिसके बाद ही व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। वर्ल्ड स्ट्रोक डे के मौके पर आपको बताते हैं कि आखिर इस बीमारी वॉर्निंग साइन और लक्षण क्या हैं।
F: फेस ड्रूपिंग- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के चेहरे पर भी लक्षण दिखने लग जाते है। अगर किसी व्यक्ति का चेहरा हंसते वक्त बेजान सा दिखाई देता है या फिर हंसते वक्त चेहरा सुन पड़ जाता है। इतना ही नही, अगर हंसी में अजीब सी असमानता नजर आती है और हंसते हुए चेहरा टेढ़ा होने लगता है।
A: आर्म वीकनेस- इस बीमारी के दौरान हाथ सुन्न या कमजोर भी पढ़ने लगते है। अगर दोनों हाथ उठाते वक्त परेशानी हो या एक हाथ कमजोर या सन्न लगने लगे।तो मामला काफी गंभीर हो सकता है। हाथों के बीच खराब बैलेंस या उनका नीचे की तरफ ढलना स्ट्रोक की तरफ इशारा करता है।
S: स्पीच डिफिकल्टी- अगर किसी व्यक्ति को बोलने में दिक्कत होती है या फिर शब्दों का सही उच्चारण नहीं हो रहा है। तो ये स्ट्रोक से जुड़ी समस्या हो सकती है।इस बीमारी में व्यक्ति कई साधारण वाक्य बोलने में परेशानी होती है। तो दिक्कत बढ़ सकती है।
T: Time to call- यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण नजर आएं या लक्षण दिखना अचानक बंद हो जाएंतो स्वास्थ्य विभाग को कॉल कर इसके बारे में तुरंत जानकारी दें. ताकि समय रहते उसे बचाया जा सके।
इस बीमारी में व्यक्ति के और भी कई लक्षण देखने को मिल सकते है। व्यक्त का शरीर कमजोर हो सकता है या कई अंग खराब हो सकता है। इस परेशानी को मेडिकल भाषा में पैरालाइज करते है। इसमें शरीर का कोई अंग अचानक से काम करना बंद कर देता है। शरीर का कोई भी हिस्सा अचानक सुन्न पड़ सकता है। शरीर में झनझनाझट होने लगती है। जिस वजह से चलने में काफी दिक्कत होती है। ऐसे में व्यक्ति को अपने शरीर का बैलेंस बनाना मुश्किल होता है।
इस बीमारी का असर इंसान की आंखों पर भी देखने को मिलता है। व्यक्ति को एक या दोनों आखों से देखने में दिक्कत शुरू हो जाती है। व्यक्ति को काफी ज्यादा धुंधला दिखने लगता है। इसके अलावा चक्कर आना, सिरदर्द, कन्फ्यूजन, मेमोरी लॉस, व्यवहार में बदलाव, मांसपेशियों में जकड़न और निगलने या खाने में कठिनाई भी इसके लक्षण हैं।