मध्य प्रदेश का दमोह जिला पहले से अमूल्य रत्नों के लिए जाना जाता रहा है लेकिन अब रत्नों के साथ साथ पेट्रोलियम पदार्थ और गैस के अपार भंडार मिलने की संभावनाएं बढ़ गयी है. पहले भी ग्रामीण अंचल में कुछ दिनों तक अचानक बोरिंग से पानी निकलते रहने या गैस की गंध की घटनाएं सामने आ चुकी है लेकिन दमोह जिले के हटा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले गैसाबाद थाना क्षेत्र के कमता गांव में पिछले दो वर्षों से हो रही नलकूपों की खुदाई मे गैस रिसाव की जानकारी मिलने पर जब टीम ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई.
हटा मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मुहरई में एक छोटे से गांव में जब नलकूप के लिए खुदाई की गई तो निकलने वाले पानी का स्वाद बिल्कुल अच्छा नहीं था. दो साल पहले एक किसान मुन्ना ने अपने खेत में 300 फ़ीट गहरा बोर करवाया. जब बोर में मशीन डाली गई तो पानी में गंध की शिकायत सामने आई. उसके बाद जब माचिस की तीली जलाकर चेक किया तो पानी में कुछ समय के लिए आग लगी. जिससे पूरे गांव में हड़कम्प मच गया. इसके बाद गांव के दर्जन भर किसानों ने अपने खेत मे बोर करवाया तो उसमें गैस जैसी गंध आयी और बोरिंग के पास माचिस की तीली जलाते है तो आग की लपटें निकलती हैं.
बोरिंग में गैस निकलने से किसानों को खेत में सिंचाई करने में बहुत परेशानी हो रही है. पानी के साथ निकलने वाली गैस से ग्रामीणों को हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं आग न लग जाये. बोरिंग में 250 फ़ीट तक पानी नहीं निकलता उसके बाद गन्ध निकलती है और अम्लीय पानी निकलता है. भू गर्भ के जानकार भले ही इसे पेट्रोलियम उपलब्धता से जोड़ कर देख रहे है लेकिन हाल फिलहाल किसान बहुत परेशान है क्योंकि इतना पैसा खर्च करके बोर करवाते है लेकिन सिंचाई के लिए पानी नहीं उपलब्ध होता.