समस्तीपुर के सदर अस्पताल में शव देने के बदले 50 हजार रुपए रिश्वत मांगने वाले पोस्टमॉर्टम कर्मी को निलंबित कर दिया गया है. जवान बेटे के शव को देने के एवज में पोस्टमॉर्टम कर्मी घूस मांग रहा था और मृतक के माता-पिता भीख मांगने को मजबूर हो गए थे. रुपए जुटाने के लिए घर-घर जाकर सबसे भीख मांग रहे थे. भीख मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन नींद टूटी. इस मामले को लेकर प्रभारी डीएम विनय कुमार ने एक जांच टीम बनाई. वहीं, सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमॉर्टम कर्मी नागेंद्र मल्लिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति भी गरमा गई थी. प्रशांत किशोर ने भी शर्मसार करने वाली घटना को लेकर नीतीश सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा, ”मानवता शर्मसार, फिर भी #NitishKumar जी का सुशासन का दावा बरकरार!!” उधर, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सिविल सर्जन से पूरी रिपोर्ट मांगी. बरहाल इस मामले की जांच अभी चल रही है. सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार चौधरी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम कर्मी नागेंद्र मल्लिक को सस्पेंड कर दिया गया है. निलंबन की अवधि में उसकी पोस्टिंग सुदूर बिथान प्रखंड में की गई है. जांच पूरी होने के बाद इससे भी कड़ी कार्रवाई का संकेत सिविल सर्जन ने दिया है.
मामला ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहार का है. महेश ठाकुर का मानसिक रूप से विक्षिप्त पुत्र 25 मई को लापता हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चल पाया. इस बीच 7 जून को परिजन को पता चला कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक शव मिला है. परिजन जब मुसरीघरारी थाना पता लगाने पहुंचे तो उन्हें शव सदर अस्पताल के पोस्टमॉर्टम घर में बताया गया. जब अपने पुत्र का शव लेने माता-पिता सदर अस्पताल पहुंचे तो, वहां के पोस्टमॉर्टम कर्मी ने शव दिखाने से इनकार कर दिया. काफी मिन्नतों के बाद शव जब दिखाया तो पिता ने अपने पुत्र संजीव ठाकुर को पहचान लिया.
मृतक के पिता ने शव देने की गुहार पोस्टमॉर्टम कर्मी नागेंद्र मल्लिक से की. लेकिन उसने शव देने के बदले 50 हजार रुपए की मांग कर दी. पिता ने खुद को गरीब परिवार का हवाला देकर शव देने की गुहार की, लेकिन नागेंद्र मल्लिक का दिल नहीं पसीजा. आखिर में लाचार माता-पिता रुपए जुटाने के लिए मोहल्ले में भीख मांगने लगे. भीख मांगने का वीडियो किसी शख्स ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. इसके बाद अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी और आनन-फानन में शव वाहन से लाश को माता-पिता के घर भेज दिया.