उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस साल दिसंबर तक बुंदेलखंड में हर घर में नल का पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने आगे कहा, “नमामि गंगे परियोजना ने गंगा में साफ-सफाई और पानी के अबाधित, निरंतर प्रवाह को बहाल कर दिया है। विंध्य एवं बुंदेलखंड के शुष्क क्षेत्रों में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य ‘हर घर नल योजना’ के तहत युद्धस्तर पर किया जा रहा है और यह कार्य इसी वर्ष दिसंबर में पूरा कर लिया जाएगा।”
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्य रूप से नमामि गंगे परियोजना के कारण गंगा जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर में नदी के सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सीसामऊ सीवर लाइन को सेल्फी पॉइंट में बदल दिया गया है, जबकि वाराणसी में, जहां पानी पीने के लायक भी नहीं था, उस पानी को साफ कराया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले कुछ वर्षो में राज्य में 60 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्याप्त जल संसाधन और पानी की उपलब्धता थी और विंध्य और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र, जिन्हें पानी की कमी माना जाता था और जहां वर्षा जल संचयन मुश्किल से लागू किया गया था, अब पिछले कुछ वर्षों में बदल गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिक चिंता है और उनके संकल्प का परिणाम सभी को दिखाई दे रहा है। उन्होंने अमृत सरोवर परियोजना के बारे में भी बताया और कहा कि जल संरक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “शुद्ध पेयजल आज जीवन बचाने की सबसे बड़ी जरूरत है। हमने अमृत सरोवर परियोजना शुरू की है और अब तक 58 ग्राम पंचायतों में काम पूरा हो चुका है और शेष को युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है।”