बिहार सरकार में जदयू कोटे से मंत्री बनाए गए डॉ. मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। कल ही राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में भ्रष्टाचार करने के आरोपी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या उन्हें लूटने की खुली छूट प्रदान की गयी है? तेजस्वी ने ट्वीट था, ‘‘ भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के भगोड़े आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया। अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया।’’
उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य में सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है और रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है। तेजस्वी ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कुर्सी की खातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।’’
राजद नेता ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहित की धारा 409,420,467, 468,471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का इनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?’’
इससे पहले राजद ने आधिकारिक ट्वीट में कहा कि तेजस्वी पर फर्क़ाी केस करवा कर वह इस्तीफ़ा मांग रहे थे और यहां खुद एक भ्रष्टाचारी मेवालाल को मंत्री बना रहे है। गौरतलब है कि जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुये हैं । उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे।