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बिहार चुनाव: योगी के एक दांव ने पलटा पूरा गेम, जानें कैसे जेडीयू से आगे निकली बीजेपी

बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजे अब सबके सामने आ गए है। इन नतीजों में एनडीए ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। एनडीए ने महागठबंधन को पीछे छोड़ते हुए 125 सीटों पर कब्जा किया। जिसके बाद अब नीतीश कुमार बिहार के चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन इन चुनावों के नतीजों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हाथ साफ देखने को मिला। योगी आदित्यनाथ बिहार में बीजेपी के स्टार प्रचारक थे उन्होंने बिहार में ताबड़तोड़ रैलियां की। इस दौरान वह हर बार बीजेपी की जीत का दावा करते नजर आए थे। खास बात ये है कि जहां-जहां योगी आदित्यनाथ नजर आए। वहां बीजेपी के प्रत्यशियों ने शानदार प्रदर्शन किया। जिसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वोटों के मामले में बीजेपी ने अपनी सहयोगी पार्टी जेडीयू को भी पीछे छोड़ दिया। जो पार्टी के लिए बड़ी बात है।

महागठबंधन को योगी ने दी टक्कर
बिहार विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की रैलियों की बात करें, तो उन्होंने लगातार 6 दिनों तक 18 रैलियां की थी। यानी की योगी आदित्यनाथ एक दिन में तीन रैलियां करते नजर आए। इस दौरान सीएम योगी ने महागठबंधन को जमकर कोसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की तारीफ करते नजर आए। जो बिहार चुनाव में गेम पलटने वाला साबित हुआ। खास बात ये है इन चुनावों में योगी आदित्यनाथ का फोकस उन स्थानों पर दिखा। जहां पर 2015 में महागठबंधन मजबूत नजर आया। ऐसे में योगी आदित्यनाथ भी उन्ही जगह पर बीजेपी को मजबूत करते हुए नजर आए। जिसका असर भी देखने को मिला।

क्यों सफल हुए योगी
हालाकिं, इस बीच ये भी जानना काफी जरूरी है कि योगी आदित्यनाथ बिहार चुनाव में इतने सफल कैसे साबित हुए। बता दें कि बिहार में कई ऐसे इलाके है जिनका संबंध गोरक्षपीठ से अच्छा संबंध है। इसी वजह से इन इलाके के वोटरों को साधने के लिए बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को आगे किया। खासकर बिहार के सीमावर्ती जिले, पूर्वी बिहार, उत्तर, बिहार और मिथिलांचल के इलाकों में गोरक्षपीठ का खासा असर है। ऐसे में इन लोगों को बिहार चुनाव में बीजेपी की तरफ करने के लिए पार्टी ने योगी आदित्यनाथ का इस्तेमाल किया। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन में यूपी के प्रवासी मजदूरों को दी गई सुविधा का जिक्र बिहार चुनाव में किया। योगी आदित्यनाथ ने बिहार के प्रवासी मजदूरों को भी प्रदेश के बॉर्डर तक पहुंचाने का काम किया था। जिस वजह से लोग पहले से ही योगी को पसंद कर रहे थे। जिसका फायदा चुनाव में देखने को मिला।