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बिहार की जनता ने चिराग पासवान और उनके उम्मीदवारों को नाकार दिया, नीतीश का जलवा बरकरार

लोजपा नेता चिराग पासवान ने चुनाव पूर्व कहा था कि उन्हें सीएम नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली से नाराजगी है। जबकि, पीएम मोदी के वे हनुमान हैं। उन्होंने यह ऐलान किया था कि जिन सीटों पर लोजपा नहीं है वहां पार्टी का बीजेपी को ही समर्थन है। जदयू से उनके मनमुटाव ने राजग को 42 सीटों का नुकसान पहुंचाया। उनमें जदयू की सर्वाधिक 36 तो भाजपा समेत राजग के अन्य घटक दलों को 6 सीटों पर पराजय झेलनी पड़ी। इन 42 सीटों पर राजग की हार जितने मतों से हुई है, उससे अधिक वोट लोजपा को मिले। यदि इन सीटों पर लोजपा के प्रत्याशी नहीं होते तो राजग को जीत मिल सकती थी।

एमआईएम ने बिहार विधानसभा चुनाव में 20 प्रत्याशी उतारे थे। 5 सीटों कोचाधामन, बहादुरगंज, जोकीहाट, अमौर व बायसी में पार्टी को जीत मिली। 2015 में कोचाधामन पर जदयू, बहादुरगंज व अमौर पर कांग्रेस का कब्जा था। शेरघाटी, साहेबपुर कमाल, साहेबगंज, फुलवारीशरीफ, कोचाधामन, बहादुरगंज, किशनगंज, बायसी, अमौर, नरपतगंज,कसबा, प्राणपुर, जोकीहाट, बरारी, मनिहारी, अररिया, सिकटा, ठाकुरगंज, रानीगंज। इन सीटों में शेरघाटी, साहेबपुरकमाल, फुलवारीशरीफ, किशनगंज, कसबा, मनिहारी व अररिया में महागठबंधन के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। साहेबगंज, नरपतगंज, प्राणपुर, बरारी, छातापुर में एनडीए आगे है। जोकीहाट व ठाकुरगंज में मुकाबला खास बन गया है। दोनों सीटों पर महागठबंधन व एमआईएम में मुकाबला है। यहां एनडीए के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर चल रहे। जहां महागठबंधन आगे है, वहां उसके प्रत्याशी बेहतर नहीं कर पा रहे। किशनगंज में यूं तो कांग्रेस आगे है, पर खबर लिखे जाने तक एमआईएम को 16000 से अधिक वोट मिल चुके हैं।

चिराग ने कहा- हम अपने उद्देश्य में सफल, पर रोसड़ा से भाई को भी नहीं जिता सके
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान चुनाव में खुद की पार्टी को जीत दिलाने में सफल नहीं रहे। लेकिन एनडीए के चार दर्जन प्रत्याशियों को हराने में सफल रहे। सबसे ज्यादा लोजपा प्रत्याशी जदयू के 36 सीटों पर नुकसान पहुंचाया। जदयू, हम और वीआईपी ही नहीं भाजपा की भी कुछ सीटें लोजपा के कारण हार में बदली। लोजपा प्रमुख ने नारा दिया था कि भाजपा से वैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं। लोजपा उम्मीदवार को मिले वोट और एनडीए प्रत्याशियों को मिले वोट को जोड़ने पर महागठबंधन के जीते प्रत्याशियों से अधिक होता है। कई सीटों पर तो जदयू के उम्मीदवारों से अधिक मत लोजपा के उम्मीदवारों को मिले हैं। लोजपा ने भागलपुर सीट पर अपने उम्मीदवार खड़ा कर भाजपा को भी हराने में सफल रही। राधोपुर में भी राजद के तेजस्वी यादव की जीत के पीछे लोजपा को ही कारण माना गया। पार्टी 7 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। यानी जदयू व हम से अधिक वोट लोजपा के उम्मीदवार को मिले।

हालांकि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान अपने चचेरा भाई और प्रदेश अध्यक्ष व पार्टी के सांसद प्रिंस राज के बड़े भाई कृष्ण राज को रोसड़ा विधानसभा सीट से चुनाव जिताने में असफल रहे। पार्टी इस चुनाव में खाता खोलने में सफल रही।