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बाढ़ के बीच दूल्हे ने निकाली बारात, गोद में उठाकर कराया दुल्हन का गृहप्रवेश

महाराष्ट्र में इस समय बाढ़ और लैंडस्लाइड(Landslide) से हर तरफ तूफान मचा हुआ है। हर जगह से हादसों की खबरें सामने आ रही है। वहीं महाराष्ट्र के सांगली(sangli) शहर में भी बाढ़ का कहर जारी है। बारिश और बाढ़ की वजह से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। लेकि‍न वहीं एक जोड़ा ऐसा भी है जिसे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ा और बारिश में शादी करने के लिए चल दिए। जी हां महाराष्ट्र के रहने वाले रोहित(rohit) और सोनाली(sonali) ने बाढ़ की वजह से अपनी शादी को नहीं टाला और बाढ़ के बीच ही दोनों ने शादी रचाई। बाढ़ के बीच बारात लेकर जाना और दुल्हन को विदा कराकर लाना बेहद मुश्किल था।

रोहित के घर की बिल्डिंग के चारों तरफ पानी भरा हुआ था। लेकिन तब भी रोहित ने हार नहीं मानी और शादी को कैंसिल नहीं किया और ना तारीख को आगे बढ़ाया। वहीं रोहित की मदद करने के लिए सांगली का एक बोट क्लब संकल्प फाउंडेशन(Sankalp foundation) आगे आया और बोट से ही बारात दुल्हन के घर पहुंची और दुल्हन को विदा करा कर ले आई। उसके बाद रोहित ने अपनी दुल्हन को गोद में उठाकर बड़े ही रोमांटिक अंदाज में गृहप्रवेश कराया जिसका वीडियो सोशल मीडिया(Social media) पर खूब वायरल हो रहा है।

वहीं इन तस्वीरों को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे शादी के लिए कोई शूट कराया गया है। वहीं सोशल मीडिया पर दोनों की ये अनोखी शादी काफी तेजी से वायरल(Viral video) हो रही है। इस वीडियों को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। लोग कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

दूल्हे रोहित ने बताया कि उन्होंने शादी के लिए घर के पास ही एक वेडिंग हॉल बुक कराया था. लेकिन बाढ़ की वजह से वहां के कई इलाकों में पानी घुस गया. जिससे शादी को कैंसिल करना पड़ा। शादी का मुहूर्त भी निकल चुका था, इसलिए किसी भी तरह से यह शादी करनी थी हम तारीख को फिर से बढ़ाना नहीं चाहते थे. इसलिए हमने ऐसे में ही शादी करने का फैसला किया।

बता दें कि सांगली में कृष्णा नदी इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पिछले साल आई बाढ़ में सांगली में बोट पलटने से 17 लोगों की मौत हुई थी. हालाकि राहत की बात ये है कि इस बार सांगली में बारिश या बाढ़ की वजह से कोई जानमाल की हानि नहीं हुई है। क्योंकि एनडीआऱएफ(NDRF) ने कृष्णा नदी के किनारे बसे गांवों के युवाओं को बोट चलाने की इस साल ट्रेनिंग दी थी. वहीं जैसे ही नदी का जल स्तर बढ़ा सभी गांव वालों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया।