अमेरिका (America) के न्यूयॉर्क (New York) में आज सुबह लोग आसमान (sky) में एक विशाल बैनर (huge banner) को देखकर चौंक गए। दरअसल इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं (Hindus) के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया। बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था।
1971 के नरसंहार में लाखों लोग मारे गए
यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया। अमेरिकी कांग्रेस के प्रस्ताव के अनुसार, साल 1971 में हुए नरसंहार में 28 लाख लोग मारे गए थे और इस दौरान दो लाख महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ, जिनमें अधिकतर हिंदू महिलाएं शामिल थीं। उसके बाद से ही बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या में गिरावट जारी है और 1971 में जहां बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या 20 प्रतिशत थी, वो अब घटकर 8.9 प्रतिशत रह गई है। अब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने और वहां नई कार्यवाहक बनने के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं।
अमेरिका से बांग्लादेश पर दबाव बनाने की अपील
एक अन्य आयोजक पंकज मेहता ने कहा कि अब समय आ गया है, जब मानवाधिकार परिषद राजनीति को किनारे रखकर 1971 में बांग्लादेश में हुए नरसंहार को मान्यता दे। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दूसरा सबसे बड़ा नरसंहार है। अमेरिका के तीन संगठन पहले ही इस नरसंहार को मान्यता दे चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने इस्लामी सहयोगियों के साथ मिलकर हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया था। एक अन्य आयोजक सुरजीत चौधरी ने भी अमेरिका की सरकार से अपील की कि बांग्लादेश सराकर हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए दबाव बनाए। बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का उभार चिंता का विषय है और इससे भारत को भी खतरा है। आयोजकों ने अमेरिका के लोगों से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रुकने तक बांग्लादेशी कपड़ों का बायकॉट करने की अपील की। बांग्लादेश के कुल निर्यात का 85 फीसदी कपड़ा ही है।
दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में करीब दो लाख हिंदू हिंसा, लिंचिंग, अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा दिलाने जैसी प्रताड़ना झेल रहे हैं। बांग्लादेश में फिलहाल 1.3 करोड़ से 1.5 करोड़ हिंदू रह रहे हैं। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से हिंदुओं पर हजारों की तादाद में हमले हुए हैं।