ज्योतिष में वैसे तो हर दिन बेहद खास होता है और अलग-अलग दिनों की अपनी विशेषताएं होती हैं। लेकिन 10 जून यानि गुरुवार का दिन एक नहीं बल्कि कई मायनों में खास माना जा रहा है। क्योंकि इस दिन अमावस्या, सूर्य-ग्रहण और शनि जयंती तीनों एक ही साथ हैं। ऐसे में जो लोग इस खास दिन पर धर्म-कर्म का काम करेंगे उन्हें कई गुना लाभ की प्राप्ति होगी। वैसे ज्योतिष में बताया गया है कि ज्येष्ठ महीने (Jyestha Month) की अमावस्या विशेष फल प्रदान करती है, इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध भी किया जाता है और जिन लोगों पर शनि का अशुभ प्रभाव होता है वह लोग कुछ उपायों से अशुभ प्रभाव को कम कर सकते हैं।
ज्येष्ठ माह में पड़ रही अमावस्या को गुरुवारी अमावस्या (Guruvari Amavasya) इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि वह गुरुवार के दिन पड़ रही है। मान्यता है कि गुरुवारी अमावस्या बहुत शुभ होती है और जो लोग इस दिन सच्चे मन से धर्म-कर्म, दान करते हैं उन्हें फल की प्राप्ति जरूर होती है,10 जून के बाद अगली गुरुवारी अमावस्या 4 नवंबर को है। तो आइए जानते हैं कि अमावस्या पर किन कामों को करना चाहिए और किन कामों को करना अशुभ होता है।
इन कामों को अमावस्या पर जरूर करें
सुर्योदय से पहले उठ जाएं और नहाने के पानी में कुछ बूंदे गंगाजल की मिलाकर स्नान करें।
अगर व्रत ले रहे हैं तो स्नान के बाद व्रत व दान का संकल्प लें।
घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
प्रातः स्नान के बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और 108 परिक्रमा करें, मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक तंगी व गरीबी से छुटकारा मिल सकता है।
अमावस्या के दिन दान करना बहुत शुभ होता है इसलिए जितना हो सके दान करें।
किन कामों को नहीं करना?
अगर व्रत नहीं ले रहे हैं तब भी अमावस्या पर तामसिक भोजन यानी नॉनवेज, लहसुन-प्याज का सेवन ना करें, शराब-मदिरा से दूर रहें, जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें नुकसान होने की अधिक संभावना रहती है।
अमावस्या के दिन पति-पत्नी वाद-विवाद से बचें और भावनाओं पर काबू रखें।