उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सदर कोतवाली का पोखर भिटवा गांव चौकी इंचार्ज दीपक सिंह की अश्लील हरकतों से चर्चा में आ गया था। एक युवती ने सोनूपार चैकी इंचार्ज दीपक सिंह पर 20 मार्च को सनसनीखेज आरोप लगाया था। खाकी पर दाग के इस पूरे प्रकरण का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया था। मामले में अब दीपक सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सीएम योगी के निर्देश पर एडीजी निखिल कुमार जांच करने पीड़िता के गांव पहुंचे। इस जांच में बस्ती मण्डल के कमिश्नर, आईजी, डीएम और एसपी संतकबीर नगर को शामिल किया गया। जांच के साथ ही लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होती गयी। पहले तत्कालीन एसपी हेमराज मीणा को पद से हटा दिया गया, फिर तत्कालीन एएसपी को हटाया गया। तत्कालीन सीओ को सस्पेंड कर दिया गया। जांच पूरी होने के बाद आरोपी दरोगा दीपक सिंह समेत कोतवाल समेत 11 पुलिसकर्मियों और 2 राजस्व कर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सस्पेंड कर दिया गया।
आरोपी दरोगा दीपक सिंह को 21 मार्च को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया। दीपक सिंह के खिलाफ धारा 323, 325, 342, 504, 506, 554 क ख ग, 427, 452 व 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। दीपक सिंह की 18 जून को जमानत पर जेल से रिहा हुआ था। पीड़िता की मांग पर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए संतकबीर नगर के खलीलाबाद सीओ अंशुमान मिश्रा को जांच सौंपी गई थी। सीओ ने मामले की जांच कर चार्जशीट न्यायालय को सौंप दिया है। इस चार्जशीट में कुल 83 लोगों के बयान लिए गए हैं।
चार्जशीट में मुख्य आरोपी दीपक सिंह को दोषी पाया गया। दारोगा दीपक सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। 12 पुलिसकर्मियों और राजस्व कर्मियों को प्राप्त साक्ष्य न मिलने की वजह से दोष मुक्त कर दिया गया है। सीजेएम कोर्ट ने चार्जशीट के आधार पर दरोगा दीपक सिंह को 23 जुलाई को न्यायालय में हाजिर होने के लिए तलब किया है।