उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के जघन्य मामलों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर 20 सितंबर को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ से पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने घटनाओं की जांच के लिए गठित मानवाधिकार समिति के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ”क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इन लोगों को आंकड़े एकत्र करने के लिए नियुक्त किया गया है?
क्या यह भाजपा की जांच समिति है? उन्होंने कहा कि बलात्कार और हत्या जैसे मामलों की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) है और अन्य घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) है। शीर्ष अदालत ने इसपर कहा कि अगर किसी का राजनीतिक अतीत था और अगर वह आधिकारिक पद पर आ जाता है तो क्या हम उसी तथ्य पर उसे पूर्वाग्रहग्रस्त मानेंगे?
सिब्बल ने कहा कि सदस्य अभी भी भाजपा से संबंधित पोस्ट कर रहे हैं और मानवाधिकार समिति के अध्यक्ष ऐसे सदस्यों की नियुक्ति कैसे कर सकते हैं? इस दौरान उन्होंने कुछ अंतरिम आदेश मांगा। इसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले में 20 सितंबर का सुनवाई करेगी।