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बंगाल में एक माह पहले से शुरू हो जाएगा दुर्गा पूजा महोत्सव, 1 सितंबर को निकलेगा जुलूस और बजेंगे शंख, ममता बनर्जी ने किया ऐलान

बंगालियों के सर्वश्रेष्ठ त्योहार दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा ‘हेरिटेज’ का दर्जा दिया गया है. पश्चिम बंगाल की सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ऐलान किया है कि इस साल का दुर्गा पूजा ऐसा होगा, जैसा कभी नहीं हुआ था. दुर्गा पूजा महोत्सव (Durga Puja Mahotsav) एक महीने पहले शुरू हो जाएगा. गुरुवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित प्रशासनिक बैठक के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि एक सितंबर को पूरे राज्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. दोपहर 1 बजे कोलकाता और राज्य के विभिन्न जिलों में जुलूस निकाला जाएगा. प्रदेश की महिलाएं शंख के साथ सड़कों पर उतरेंगी और शंघनाद करेंगी और उलु ध्वनि निकालेंगी. जुलूस में हर तबके के लोग शामिल होंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ” बंगाल को सम्मान देने के लिए सभी को दिखाने के लिए उसका सम्मान किया जाएगा.”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ”हमें 1 सितंबर को एक कार्यक्रम करना है. मैं अभी से सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को बता रही हूं. दोपहर 1 बजे का समय होगा. मंत्री अरुप बिस्वास दुर्गा पूजा की कमेटी से बात करेंगे. कोलकाता पुलिस सभी क्लबों को आमंत्रित करेगी. डीजी पुलिस सभी जिला क्लबों को बुलाएगी. हर जिले में दोपहर 1 बजे जुलूस निकालाजाएगा. लड़कियां शंख बजाएंगी. पूरे बंगाल में कोई उलु ध्वनि दिया जाएगा.”

यूनेस्को ने बंगाल की दुर्गा पूजा को घोषित किया है हेरिटेज

ममता बनर्जी ने कहा, “यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है. हम दोपहर 1 बजे कोलकाता के श्यामबाजार में एकत्रित होंगे. वहां से हम तय करेंगे कि हम जुलूस को कितनी दूर तक ले जाएंगे. पूजा कॉर्निवल सभी राजनयिकों को आमंत्रित किया जाएगा. इस बार का पूजा कॉर्निवल अद्भूत होगा.” साथ ही उन्होंने कहा, “इस बार रेड रोड पर दुर्गा पूजा कॉर्निवल भी शानदार होगा. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘रेड रोड पर पूजा कॉर्निवल का नजारा देखने लायक होगा. मैं 1 सितंबर के जुलूस को सफल बनाने के लिए पूजा से एक महीने पहले सड़कों पर उतरूंगी, ताकि अगर सभी लोग बंगाल को देखें और उसका सम्मान करें कि बंगाल कैसे सम्मान देता है.”

दुर्गा पूजा महोत्सव के लिए बनेगा अलग ‘लोगो’

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि इस महोत्सव के लिए पर्यटन विभाग सूचना और संस्कृति विभाग के साथ मिलकर “लोगो” बनाएगा. पूरे बंगाल में हर क्लब उस ‘लोगो’ का इस्तेमाल करेंगे. मुझे सुझाव भेजें. मैं आपको बताउंगी. बंगाल को गौरवान्वित करने के लिए हमें जो कुछ भी करना है, वह करेंगे.”