पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) भर्ती घोटाले की जांच कर रही (Probing Recruitment Scam) सीबीआई (CBI) राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री (Former Education Minister) और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव (General Secretary of TMC) पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) से अगले सप्ताह फिर से (Again Next Week) नए सिरे से पूछताछ करेगी (Will Question) । चटर्जी फिलहाल राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हैं, जिन्हें 18 मई को चार घंटे के लिए पहले दौर की पूछताछ का सामना करना पड़ा था। सीबीआई ने पहले ही चटर्जी को सूचित कर दिया है कि उन्हें अगले सप्ताह 24 मई को एजेंसी के निजाम पैलेस कार्यालय में फिर से उपस्थित होना होगा।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, चटर्जी को सवालों की एक नई और लंबी सूची का सामना करना पड़ेगा, जिसका निर्णय दो कारणों से लिया गया है। पहला कारण यह है कि पूछताछ के पहले दौर में चटर्जी के सीबीआई को दिए गए बयानों में विसंगतियां हैं। नाम न छापने की शर्त पर सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री के रूप में चटर्जी को डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज की जानकारी नहीं थी, जिनके सदस्यों के बारे में माना जाता है कि वे मेरिट लिस्ट में हेराफेरी से संबंधित मुख्य कागजी कार्रवाई में शामिल थे।एजेंसी के अधिकारी ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि स्क्रीनिंग कमेटी का गठन तत्कालीन शिक्षा मंत्री के तौर पर स्वयं चटर्जी ने किया था। इसलिए, समिति के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के बारे में उनकी अनभिज्ञता, जैसा कि उन्होंने दावा किया है, वास्तव में कल्पना से परे है।”
दूसरा कारण पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी द्वारा सीबीआई को दिया गया एक महत्वपूर्ण बयान है, जो राज्य में उच्च माध्यमिक स्कूल की राजनीति विज्ञान शिक्षिका के तौर पर अपनी बेटी अंकिता अधिकारी की कथित अवैध भर्ती के बाद केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ का सामना कर रहे हैं। ऐसा पाया गया है कि उनकी बेटी की भर्ती सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए की गई थी। अंकिता अधिकारी पर मेरिट लिस्ट में क्वालीफाई किए बिना और यहां तक कि व्यक्तित्व परीक्षण (पर्सनैलिटी टेस्ट) के लिए उपस्थित हुए बिना नौकरी हासिल करने का आरोप है।अधिकारी ने सीबीआई को बताया है कि उनकी बेटी की नियुक्ति तब हुई थी, जब वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल तो हो गए थे, लेकिन वह शिक्षा राज्य मंत्री नहीं थे। अधिकारी ने सीबीआई को यह भी बताया कि उनकी बेटी की नियुक्ति के विवरण पर केवल डब्ल्यूबीएसएससी अधिकारी ही जवाब दे सकते हैं।
गौरतलब है कि परेश चंद्र अधिकारी 2006 से 2011 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी के नेतृत्व वाले पिछले वाम मोर्चा शासन के दौरान पश्चिम बंगाल के कार्यवाहक खाद्य मंत्री थे। अगस्त 2018 में, वह ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की अपनी पिछली पार्टी को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उनका राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने तृणमूल में स्वागत किया था। दिलचस्प बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के 72 घंटे के भीतर ही उनकी बेटी का नाम मेरिट लिस्ट में आ गया था। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था।
संयोग से, जब अंकिता अधिकारी को नियुक्ति मिली, तो तत्कालीन राज्य शिक्षा मंत्री के रूप में पार्थ चटर्जी के पास डब्ल्यूबीएसएससी का समग्र अधिकार था और इसलिए अगले सप्ताह दूसरे दौर की पूछताछ में, उन्हें इस घटनाक्रम से संबंधित प्रश्नों का सामना करना पड़ेगा। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बाद में चटर्जी को परेश चंद्र अधिकारी और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है, ताकि विसंगतियों से बचा जा सके।