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फिर दहला काबुलः मस्जिद और मिनी बसों में हुए चार विस्फोट में 16 की मौत, दर्जनों घायल

अफगानिस्तान की राजधानी (capital of Afghanistan) काबुल (Kabul) में बुधवार को एक मस्जिद (Mosque) और उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में तीन मिनी बसों में हुए विस्फोट (blast in three minibuses) में कम से कम 16 लोगों की मौत (16 people died) हो गई। हालांकि संख्या अभी बढ़ सकती है।

मारे गए लोगों में तीन महिलाएं भी शामिल
बल्ख प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता आसिफ वजीरी ने बताया कि बम शहर के विभिन्न जिलों में तीन मिनी बसों पर रखे गए थे। उन्होंने कहा कि धमाकों में 15 अन्य लोग घायल हो गए। बल्ख स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख नजीबुल्लाह तवाना ने कहा कि वाहनों में हुए विस्फोटों में मारे गए लोगों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं।

आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि बुधवार देर रात राजधानी काबुल में एक मस्जिद के अंदर एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। वहीं काबुल के एक अस्पताल ने ट्वीट किया कि मस्जिद विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई और 22 अन्य घायल हो गए।

अभी नहीं ली किसी ने भी जिम्मेदारी
काबुल में एक मस्जिद के अंदर हुए बम धमाके में घायलों को निकालने के लिए एंबुलेंस मस्जिद पहुंचीं। जानकारी के मुताबिक मस्जिद में एक पंखे के अंदर बम रखा गया था। बुधवार को हुए चार बम हमलों की अभी तक किसी आतंकी समूह जिम्मेदारी नहीं ली है।

रमजान के दौरान भी हुए थे घातक हमले
पिछले महीने 29 अप्रैल को काबुल में एक सुन्नी मस्जिद में हुए हमले में कम से कम 10 लोग मारे गए थे। यहां बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक सूफी समुदाय के सदस्य मौजूद थे जो नमाज अदा करने को इकठ्ठा हुए थे। वहीं 21 अप्रैल को मजार-ए-शरीफ में एक शिया मस्जिद में हुए बम विस्फोट में कम से कम 12 नमाजियों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

साथ ही रमजान के दौरान सबसे घातक हमला उत्तरी शहर कुंदुज में हुआ था जब 22 अप्रैल को एक मस्जिद में बम विस्फोट में सूफी उपासकों को निशाना बनाया गया था। उस विस्फोट में कम से कम 33 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।

सुन्नी-बहुल अफगानिस्तान में आईएस की क्षेत्रीय शाखा ने बार-बार शियाओं और सूफी जैसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है। आईएस तालिबान की तरह एक सुन्नी इस्लामी समूह है, लेकिन दोनों कड़े प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं।