भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक इस साल भारत को पांच करोड़ खुराक देने को तैयार हो गया है, लेकिन कंपनी केंद्र सरकार से नियमों में छूट चाहती है। रॉयटर्स के मुताबिक, भारत सरकार और फाइजर-बायोएनटेक के बीच वैक्सीन की डील को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। कंपनी ने भी एक बयान जारी कर बताया था कि, भारत के साथ वैक्सीन को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसके नतीजे सामने होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीन डील को लेकर मामला एक जगह फंसा हुआ है। दरअसल, फाइजर-बायोएनटेक ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई सरकारों से कानूनी सुरक्षा का भरोसा मांगा है, अब फाइजर यही मांग भारत में कर रही है। कंपनी यह चाहती है कि फाइजर की वैक्सीन लगने के बाद किसी भी प्रकार का कोई कानूनी पेंच फंसता है तो इसके लिए कंपनी जवाबदेह नहीं होगी। केंद्र सरकार को इसके लिए आगे आना होगा।
वैक्सीन की कमी से नहीं हो पा रहा वैक्सीनेशन
देश में वैक्सीन की भारी कमी है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई बड़े एवं छोटे राज्यों में वैक्सीनेशन ड्राइव जिस गति से होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है। राज्यों को जितने कोटे की रोज जरूरत है, उतनी सप्लाई उन्हें नहीं मिल पा रही है। ऐसे में कई वैक्सीनेशन सेंटर्स बंद करने पड़े हैं। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने तो ग्लोबल टेंडर भी निकाला है, लेकिन अब किसी कंपनी से उन्हें वैक्सीन नहीं मिल सका है। वहीं दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों का कहना है कि वे खुद विदेशी वैक्सीन कंपनियों से बात कर चुके हैं, लेकिन इन कंपनियों ने उन्हें सीधे सप्लाई से मना कर दिया है। कंपनियां केंद्र सरकार से डील करना चाहती हैं।
देश में अभी तीन वैक्सीन का ही सहारा
देश में अभी कोवाक्सिन और कोविशील्ड के अलावा रूसी कंपनी स्पूतनिक-वी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोवाक्सिन और कोविशील्ड का प्रोडक्शन उस स्तर पर नहीं हो पा रहा, जितने में एक बड़ी आबादी को रोज टीका दिया जा सके। रूसी वैक्सीन ने अभी-अभी सप्लाई शुरू की है। जल्द ही तेलंगाना में इसका प्रोडक्शन शुरू होने वाला है। वहीं केंद्र सरकार ने एलान किया है कि इस साल अगस्त से दिसंबर के बीच पूरे देश के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।