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प्रोस्टेट कैंसर का इलाज एक हफ्ते में होगा संभव, वैज्ञानिकों ने खोजी नई तकनीक

प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो पुरुषों को अपना शिकार बनाती है। प्रोस्टेट अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है जो पुरुषों के ब्लैडर और प्राइवेट पार्ट (private part) के बीच में स्थित होती है। जब प्रोस्टेट में कोशिकाएं (cells) असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तो ये ट्यूमर का रूप लेती हैं जिसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है।

हालांकि, अब प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के लिए एक राहत की खबर आई है। डॉक्टर्स अब एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसमें प्रोस्टेट कैंसर के मरीज (prostate cancer patient treatment) एक हफ्ते में ही ठीक हो सकते हैं।

इलाज पर आई ये रिपोर्ट
‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन रॉयल मार्सडेन अस्पताल के डॉक्टर जल्द ही ऐसा ट्रायल करने वाले हैं जिसमें मरीजों को रेडियोथेरेपी की दो डोज दी जाएगी। ट्रायल में ये जानने की कोशिश की जाएगी कि रेडियोथेरेपी (radiotherapy) की छोटी-छोटी कई डोज देने की बजाए सिर्फ दो बड़ी डोज देना कितना सुरक्षित और प्रभावी है।

इस महीने की शुरुआत में एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और द इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पाया था कि एक निश्चित मात्रा में रेडिएशन से प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव है। शोधकर्ताओं के अनुसार, एक महीने में छोटे-छोटे 20 सेशन की बजाय एक या दो हफ्तों में रेडिएशन की सिर्फ 5 डोज देकर भी मरीज का इलाज किया जा सकता है।

आसान और जल्दी हो सकेगा इलाज
ट्रायल के प्रमुख और कंसल्टेंट क्लिनिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर एलिसन ट्री ने द टाइम्स को बताया कि अगर ये सफल होता है तो पुरुष आसानी से अपना इलाज कराकर अपनी सामान्य जिंदगी में वापस जा सकते हैं। यहां तक कि इसके बाद वो कैंसर को पूरी तरह भूल सकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इस कैंसर के इलाज में 20 सेशन को घटाकर 2 तक करने से ना सिर्फ लाखों पाउंड की बचत होगी बल्कि रेडियोथेरेपी यूनिट्स से अधिक मरीजों का इलाज भी किया जा सकेगा।

 

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस नई तकनीक ने मामूली साइड इफेक्ट(side effect) के साथ बहुत ही आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। इसके जरिए हम समझना चाहते थे कि क्या हम सुरक्षित तरीके से हर दिन मरीज पर रेडिएशन की मात्रा बढ़ा सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर का इलाज दो तरीके से किया जाता है जिसमें पहला विकल्प ऑपरेशन का है जिसमें प्रोस्टेट को निकाल दिया जाता है। हालांकि इसके बाद कई पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) और यूरीनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या हो जाती है। इलाज का दूसरा विकल्प रेडियोथेरेपी है जिसमें एक्स-रे बीम के जरिए ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।