प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शारदा प्रताप शुक्ला ने इस्तीफा दे कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये हैं। तीन बार के विधायक रहे शारदा प्रताप शुक्ला की सरोजनीनगर में बड़ी दखल है। बताया जा रहा है कि अखिलेश और शिवपाल यादव की पार्टी सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन के बाद सीट न मिलने पर नाराज शुक्ला ने इस्तीफा दिया है। शारदा प्रताप शुक्ला को शिवपाल यादव का करीबी बताया जाता है। शारदा प्रसाद शुक्ला तीन बार लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से विद्यायक रह चुके हैं।
शारदा प्रताप शुक्ला के नामांकन करते ही उनके घर सरोजनीनगर प्रत्याशी राजेश्वर सिंह और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मिश्रा उनसे मिलने पहुंच गये। ज्ञात हो कि अखिलेश यादव से विवाद के बाद शिवपाल सिंह यादव ने जब अलग होकर पार्टी बनाई तो सपा के तमाम दिग्गज नेता उनके साथ हो गए थे। शारदा प्रताप शुक्ला भी इनमें से प्रमुख नेता थे।
सरोजनी नगर का जातिगत गणित
राजेश्वर सिंह जिस सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वह लखनऊ की वह विधानसभा सीट है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों मतदाता हैं। लखनऊ एयरपोर्ट इसी विधानसभा में आता है। मौजूदा परिदृश्य में ग्रामीण वोटरों से ज्यादा शहरी वोटरों की संख्या हो चुकी है। सरोजनीनगर सीट पर दलित वोट बैंक सर्वाधिक पौने दो लाख है। दूसरे नंबर पर लगभग 1.5 लाख वोटर ओबीसी हैं 50 हजार के लगभग ब्राह्मण वोटर हैं। 70 हजार क्षत्रिय वोटर और लगभग 30 हजार मुसलमान वोटर हैं।
जातिय समीकरण भाजपा उम्मीदवार राजेश्वर सिंह और अभिषेक मिश्रा दोनों को साधने हैं। ज्ञात हो कि योगी सरकार मंे मंत्री रही स्वाती सिंह का टिकट काट कर प्रवर्तन निदेशालय के निदेशालय के पूर्व निदेशक राजेश्वर सिंह को टिकट दिया गया है। उन्होंने पहले वीआरएस लिया। वीआरएस स्वीकृत होने के बाद भाजपा में शामिल हो कर सरोजनीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं।