बसपा के पूर्व सांसद दाऊद अहमद की बहुमंजिला इमारत पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने रविवार सुबह बुलडोजर चला दिया. एलडीए का कहना है कि यह निर्माण अवैध रूप से किया जा रहा था. आकलन है कि यह बहुमंजिला इमारत करोड़ों की लागत से बन रही थी. इस अवैध निर्माण को तोड़ने के संबंध में एलडीए की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं किए गए बल्कि एएसआई के आदेश पर जिला प्रशासन यह कार्रवाई करवा रहा है.
एएसआई ने उठाई थी आपत्ति
दाऊद अहमद बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं. लेकिन, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में उन्हें निकाल दिया गया था. उनके द्वारा एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण रिवर बैंक कॉलोनी के पास किया जा रहा था. पुराने एसएसपी ऑफिस के पास ही इसका निर्माण हो रहा था. जिसे लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से आपत्ति जताई गई. दाऊद अहमद ने हाईकोर्ट का रास्ता भी अपनाया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली.
पहले भी तोड़े गए हैं दाऊद के अवैध निर्माण
एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर 10 फरवरी 2021 को संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बसपा के पूर्व सांसद दाऊद अहमद के नाम पर बनाए गए इस अवैध कमर्शियल अपार्टमेंट को ध्वस्त करने का आदेश पारित किया था. बसपा के पूर्व सांसद दाऊद अहमद लखनऊ के नबीउल्लाह रोड पर 7,000 वर्ग फुट जमीन पर आवासीय अपार्टमेंट की जगह कमर्शियल अपार्टमेंट का निर्माण कर रहे थे. इसके कारण उन्हें पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से नोटिस दी गई, लेकिन काम न रोकने के चलते ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है.
2019 में एकल आवासीय मानचित्र पर निर्माणाधीन कमर्शियल अपार्टमेंट के अवैध होने पर सील करने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन दाऊद अहमद की तरफ से लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा था, जिसको लेकर अब ध्वस्तीकरण करने की कार्रवाई की गई है.
संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी को था खतरा
जिलाधिकारी व लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि दाउद अहमद द्वारा रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में हाफिज डेरी के सामने इस बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा था. जो कि केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में स्थित है. इस पर अधीक्षण पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, लखनऊ मंडल की ओर से अक्टूबर 2018 में दाउद अहमद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसका दाऊद की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था.
इसके बाद भी की गई कई आपत्तियों के बावजूद भी दाऊद अहमद ने अवैध निर्माण जारी रखा. आखिरकार महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने बीती 24 जून को को प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्ववीय अवशेष अधिनियम की सुसंगत नियम व धाराओं के तहत दाऊद अहमद को नोटिस दिया गया था. इसके बाद भी भवन स्वामी की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया.
डीएम ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से जिला प्रशासन को भेजे गए पत्र पर अमल करते हुए रविवार को टीम भेजकर इस अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई प्रचलित कर दी गई.