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पूर्वांचल के जरिये उ.प्र. के चुनावी मैदान में उतरने को बेताब हैं बिहार के सियासी दल

भारतीय जनता पार्टी, सपा, बसपा समेत कई राजनीतिक दलों ने उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि बिहार के सियासतदारों ने भी राज्य में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। बिहार के छोटे दलों ने पूर्वांचल के रास्‍ते उप्र में दस्‍तक देना शुरू कर दिया है। दरअसल 25 जुलाई को फूलन देवी के शहादत दिवस के मौके पर पूरे उत्‍तर प्रदेश में वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में है। जबकि अन्‍य क्षेत्रीय दल भी उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में जल्द उतरने की तैयारी में जुटे हैं।

वाराणसी मंडल के रोहनिया, सुजाबाद पड़ाव, जौनपुर के शाहगंज, मीरजापुर मंडल में सदर और ज्ञानपुर के अलावा आजमगढ़ मंडल के बलिया के बांसडीह में वीआईपी पार्टी की ओर से फूलन देवी की प्रतिमा लगाने की मंशा है। इस समय वाराणसी और पूर्वांचल में विधानसभा चुनाव 2022 जीतने के लिए पार्टी की ओर से प्रदेश कार्यालय खोलने और पार्टी को मजबूती देने के लिए सभी मंडलों में फूलन देवी की शहादत को याद करने की तैयारी है। इसके जरिए पार्टी यूपी में अपना जनाधार मजबूत करने की तैयारी भी कर रही है। वीआईपी की ओर से वाराणसी में भी कई जगह पोस्‍टर लगाकर आयोजन को चुनावी रणनीति के तौर पर तैयार किया जा रहा है। रातों रात लगे पोस्‍टर से उत्तर प्रदेश में चुनावी समीकरणों में नए सिरे से बदलाव की उम्‍मीद जताई जा रही है।

दरअसल, भाजपा के साथ बिहार में सरकार बनाने वाली वीआईपी के अध्‍यक्ष मुकेश साहनी मंत्री भी हैं और उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार को वह चुनौती देने जा रहे हैं। वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी प्रदेश के 18 मंडलों में 25 जुलाई को शहादत दिवस मनाने वाले हैं। सभी मंडलों में पूर्व सांसद फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। बिहार से यूपी के सफर पर प्रशासन ने अड़ंगा लगा दिया है। हालांकि, इसी बीच बीते बृहस्पतिवार की देर रात शहर के कई जगहों पर आगामी आयोजन के साथ ही प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से तैयारियों की जानकारी भरा पोस्‍टर खूब लगाया गया है।

गौरतलब है कि पूर्वांचल के मजबूत दल सुभासपा से भाजपा का संबंध खत्‍म हो चुका है। अब सुभासपा भी पार्टी के लिए पूर्वांचल से चुनौती पेश कर रही है। जबकि सुभासपा के साथ अददुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी साथ खड़ी है, ओवैसी की पार्टी ने बिहार चुनाव में काफी सक्रियता दिखाई और मुस्लिम बहुत क्षेत्रों में पार्टी को वोट भी खूब मिले हैं।