वैशाली जिले के राघोपुर थाना पुलिस के हाथों एक बड़ी कामयाबी लगी है. लंबे समय से फरार चल रहे ‘लाल वारंटी’ आरोपी कई सालों की मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. इसके खिलाफ अदालत ने भी वारंट जारी कर रखा था लेकिन ये आरोपी फरार ही रहा. पुलिस की फ़ाइल में सालों से फरार लाल वारंटी अब गिरफ्त में आ चुका है. ‘लाल वारंटी’ शब्द का इस्तेमाल ऐसे आरोपियों के लिए किया जाता है जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाती है लेकिन एफआईआर दर्ज के बाद भी वो ना तो कभी पुलिस के हाथ आता है और ना ही कोर्ट में उपस्थित होता है.
ऐसे ही एक मामले में ने पुलिस ने पिछले 11 सालों से फरार आरोपी बाबू राय को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी बाबू सेना से रिटायर्ड है और कई अरसे से पुलिस को गुमराह कर लगातार फरार था. आरोपी बाबू राय पर छेड़छाड़ करने का एक मामला दर्ज था जिसमें वो 11 साल फरार रहा और कभी पुलिस के हाथ नहीं लगा पर अब राघोपुर पुलिस में बाबू को पकड़ बड़ी सफलता हासिल की है. 6 साल पहले हाजीपुर कोर्ट ने आरोपी के लिए लाल वारंट भी जारी किया था लेकिन वो लगातार फरार रहा. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद हाजीपुर सदर एसडीओपी राघव दयाल ने बताया कि लाल वारंट जैसे मामले बहुत कम सामने आते है. अब आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. लाल वारंट, लाल रंग की स्याही से लिखा जाता है इसीलिए इसे लाल वारंट कहा जाता है. वैसे मामलों में जहां आरोपी के कभी सामने नहीं आने की बात मान ली जाती है, वैसे फरार आरोपियों के खिलाफ लाल वारंट जारी किया जाता है. थाने के रिकॉर्ड से सम्बंधित फ़ाइल को अलग कर दिया जाता है.