देश में जारी कोरोना के कोहराम के बीच प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को 11 बजे एक हाईलेवल मीटिंग करेंगे. इस मीटिंग में कोरोना संकट पर चर्चा तो होगी, साथ ही वैक्सीनेशन को लेकर भी चर्चा होने की भी संभावना है. जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी 11 बजे एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे. मीटिंग में देश में जारी कोरोना संकट को लेकर चर्चा होगी. सरकार की तैयारी के बारे में भी पीएम को बताया जाएगा. इसके अलावा वैक्सीनेशन को लेकर भी मीटिंग में चर्चा हो सकती है. इस मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और नीति आयोग से जुड़े सीनियर अफसर शामिल होंगे.
इसके अलावा शनिवार शाम को 5 बजे प्रधानमंत्री चक्रवाती तूफान तौकते (Tauktae) पर भी मीटिंग करेंगे. इस मीटिंग में सरकार के सीनियर अफसर तो रहेंगे ही, साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. तीन दिन पहले ही 12 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के हालात पर हाईलेवल मीटिंग की थी. उस मीटिंग में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस से निपटने पर भी चर्चा हुई थी. देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3,26,098 नए मामले सामने आए और 3,890 लोगों की जान गई है. अच्छी बात ये रही कि 3,53,299 लोग ठीक भी हुए हैं. देश में अब तक 2.43 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या भी 2,66,207 हो चुकी है. अभी एक्टिव केसेस की संख्या 36,73,802 है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए डीआरडीओ द्वारा ‘2-डीजी’ दवा तैयार की गई है. इस दवा की 10 हजार डोज का पहला बैच आज या कल में मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही भविष्य को देखते हुए इसके उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की गई ये दवाई को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गई है, जो कोरोना वायरस से लड़ने में काफी सहायक है. हैदराबाद के अलावा अन्य केंद्रों पर ‘2-डीजी’ का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जा रहा है. इस दवा के बारे में बताते हुए DRDO (Defence Research and Development Organisation) के एक अधिकारी ने बताया कि ये दवा कोरोना मरीजों को रिकवर होने में और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता को कम करती है. यानी इसे लेने के बाद मरीज कोरोना वायरस से जीतने में कम समय ले रहे हैं, जल्दी सही हो रहे हैं. दूसरी तरफ उन्हें ऑक्सीजन की भी कम ही जरूरत पड़ रही है.
वैज्ञानिकों ने बताया कि जब कोई वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है, तो मानव कोशिकाओं को धोखा देकर अपनी प्रतियां बनाता है, साफ शब्दों में कहा जाए, तो अपनी संख्या बढ़ाता है. इसके लिए वह कोशिकाओं से बड़ी मात्रा में प्रोटीन लेता है. डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई दवा एक “सूडो” ग्लूकोज है, जो इसकी क्षमता को बढ़ने से रोकती है.
2-DG दवाई को किसने तैयार किया?
D-glucose (2-DG) दवा को DRDO के परमाणु चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान संस्थान (Institute of Nuclear Medicine and Allied Sciences) ने हैदराबाद स्थति डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ तैयार किया है. DRDO ने बताया है कि इसे बेहद आसानी से उत्पादित किया जा सकता है, इसलिए देशभर में जल्दी ही आसानी से उपलब्ध भी हो जाएगी. क्योंकि इसमें बेहद जेनेरिक मॉलिक्यूल हैं और ग्लूकोस जैसा ही है.
कैसे ली जाएगी
भारत सरकार द्वारा जारी स्टेटमेंट के अनुसार2-DG दवा एक पाउच में पाउडर की फॉर्म में आती है. जिसे पानी में घोलकर आसानी से पिया जा सकता है. ये वायरस से प्रभावित सेल्स में जाकर जम जाती है और वायरस सिंथेसिस व एनर्जी प्रोडक्शन को रोककर वायरस को बढ़ने से रोकती है.