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पाकिस्तान में मिसाइल गिरने पर अमेरिका ने लिया भारत का पक्ष, ऐसे दिया जोर का झटका

पाकिस्तान में भारतीय मिसाइल गिरने के मामले में अमेरिका ने भी भारत के साथ खड़े हो कर पाकिस्तान को जोर का झटका दिया है। अमेरिका ने कहा है कि हाल में भारत की ओर से पाकिस्तान में गिरी मिसाइल के दुर्घटनावश चलने के अलावा अन्य कोई कारण नजर नहीं आता है। भारत सरकार ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि दो दिन पहले गलती से एक मिसाइल चल गई थी, जो पाकिस्तान में गिरी जो ‘खेदजनक’’ घटना है। नियमित रख रखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि जैसा कि आपने हमारे भारतीय साथियों से भी सुना है कि यह घटना एक गलती के अलावा और कुछ भी नहीं थी, हमें भी इसके पीछे और कोई कारण नजर नहीं आता है। प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आप इस संबंध में अन्य कोई भी सवाल भारतीय रक्षा मंत्रालय से करें। उन्होंने 9 मार्च को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि वास्तव में उस दिन क्या हुआ था। हम उससे इतर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। अमेरिका की इस टिप्पणी के बाद पाकिस्तान को झटका लगा है।

ऐसा है मिसाइल गिरने का मामला

9 मार्च को भारतीय सेना की एक अनआर्म्ड मिसाइल बिना हथियारों वाला प्रोजेक्टाइल गलती से फायर हो गई थी। करीब 261 किलोमीटर दूर यह मिसाइल पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में गिरी। इस मिसाइल में हथियार नहीं थे। इसलिए इस मिसाइल से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। भारत ने अपनी गलती मानते हुए हाईलेवल कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के ऑर्डर जारी कर दिए थे। पाकिस्तान के जर्नलिस्ट मोहम्मद इब्राहिम काजी ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि भारत से छोड़ी गई मिसाइल का नाम ब्रह्मोस है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। इंडियन एयरफोर्स इसका स्टॉक राजस्थान के श्रीगंगानगर में रखती है। पाकिस्तानी फौज का दावा है कि यह मिसाइल हरियाणा के सिरसा से दागी गई।

भारत ने घटना को बताया खेदजनक

ज्ञात हो कि पाकिस्तान में मिसाइल गिरने को लेकर भारत ने अपना पक्ष रखा है। तकनीकी गलतियों की वजह से भारत की एक मिसाइल पाकिस्तान में जाकर गिरी थी जिस पर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध जताया था। भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में इस घटना अत्यंत खेदजनक बताया था। बयान में कहा गया कि तकनीकी खराबी के कारण नौ मार्च को नियमित रखरखाव के दौरान दुर्घटनावश एक मिसाइल चल गई। भारत सरकार ने दुर्घटनावश मिसाइल चल जाने की घटना को गंभीरता से लिया है और उच्च स्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए हैं।