पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan Prime Minister Shahbaz Sharif) ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति (peace between india and pakistan) बनाए रखने के अपने देश के दृढ़ संकल्प को फिर दोहराया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan Prime Minister Shahbaz Sharif) ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरियों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू और कश्मीर मुद्दे के समाधान से जुड़ी हुई थी। हम बातचीत के माध्यम से भारत के साथ स्थायी शांति चाहते हैं, क्योंकि युद्ध किसी भी देश के लिए एक विकल्प नहीं है।
शहबाज शरीफ ने कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली में व्यापार, अर्थव्यवस्था और अपने लोगों की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। पाकिस्तान हमलावर मुल्क नहीं है। हम अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सेना पर पैसा खर्च करते हैं न कि किसी मुल्क पर आक्रामकता के लिए।
प्रधानमंत्री शरीफ ने पाकिस्तान के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक संकट हाल ही में दशकों की राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ संरचनात्मक समस्याओं से उपजा है। पाकिस्तान की स्थापना के बाद से पहले कुछ दशकों में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में प्रभावशाली वृद्धि देखी गई।
शरीफ ने कहा कि समय के साथ हमने उन क्षेत्रों में बढ़त खो दी है, जिनमें हम आगे थे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा और नीतिगत कार्रवाई की कमी के कारण राष्ट्रीय उत्पादकता में कमी आई है। उल्लेखनीय है कि शरीफ का यह बयान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत की विदेश नीति की सराहना करने के बाद आया है। उन्होंने ऐसे पश्चिमी देशों को फटकार लगाई जो भारत के रूस से तेल खरीदने की निंदा कर रहे थे।