आगरा में पुलिसकर्मियों ने 48 घंटे में तीन लोगों की जान बचा ली। ताजगंज में घरवालों से नाराज होकर बिजली के खंभे और टावर पर चढ़े दो लोगों को प्रलोभन और बातों में लेकर नीचे उतार लिया, जबकि शमसाबाद में फांसी का फंदा बना चुके युवक को समझाकर कमरे से बाहर निकाला। बाद में तीनों की काउंसिलिंग की गई। इनमें एक युवक का कहना था कि उसकी पत्नी अच्छा खाना नहीं बनाती है, इससे वह तंग आकर जान देने जा रहा था।
नए ब्रांड की शराब मांगी
थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि गांव सोना की गढ़ी का रहने वाला रामनाथ मजदूरी करता है। शुक्रवार रात को 12 बजे वह परिवारीजनों से झगड़े के बाद बिजली के खंभे पर चढ़ गया। जान देने की धमकी देने लगा।
घरवालों ने बताया कि वह नशे की हालत में था। सूचना पर पुलिस पहुंची और कहा कि वह जो इच्छा बताएगा पूरी की जाएगी। उसने नए ब्रांड की शराब पिलाने को कहा। पुलिसकर्मियों के हां बोलने पर वह नीचे उतर आया।
पत्नी से नाराज होकर टावर पर चढ़ा
उन्होंने बताया कि दूसरा मामला गांव दिगनेर का है। यहां के रहने वाले कोमल सिंह टावर कंपनी में काम करते थे। नौकरी छूट गई है। वह पत्नी और साली से नाराज होकर टावर पर चढ़ गए। पुलिस पहुंची और टावर पर चढ़ने का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि पत्नी खाना ठीक से नहीं बनाती। पुलिसकर्मियों ने कहा कि पांच सितारा होटल में खाना खिलाएंगे। ऐसी ही बातों में उलझाकर कोमल को भी नीचे आने के लिए समझा लिया।
माता-पिता का हवाला दिया
तीसरा मामला शमसाबाद के गांव हुमायूंपुर का है। पीआरवी 62 को रविवार को सूचना मिली कि गांव के हरेंद्र ने खुद को कमरे में बंद कर लिया है। वह आत्महत्या करने की कह रहा है। दरवाजा अंदर से बंद है। पुलिसकर्मी पहुंचे और समझाया कि वह मर जाएगा तो परिवार का क्या होगा। माता-पिता किसको बेटा कहेंगे। उनका ख्याल कौन रखेगा। जल्दी से फंदा निकालकर बाहर आ जाओ। इस पर हरेंद्र मान गया। वह बाहर आ गया।