कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने सोमवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आखिरी दो महीनों में लॉलीपॉप दे रही है. सिद्धू ने कहा कि उनकी मांग कुछ भी नहीं है, वे सिर्फ पंजाब का कल्याण चाहते हैं. कांग्रेस नेता अश्विनी सेखड़ी के संगठन संयुक्त हिंदू महासभा के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वे हिंदुओं का दर्द समझ रहे हैं, सिद्धू पंजाब के साथ खड़ा है.
सार्वजनिक मंच पर कई दिनों बाद नजर आए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि क्या मकसद सिर्फ सरकार में वापस आना है या जनता का कल्याण करना है. उन्होंने कहा कि पौने पांच साल में कांग्रेस ने जो कहा वो नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि जहां समझौते की बात आती है सिद्धू सब फेंक कर मारता है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि झूठ बोलता है वो, जो कहता है कि पंजाब का खजाना भरा हुआ है. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था पंजाब का खजाना भरा हुआ है. उन्होंने कहा, “मैं सच बोलूंगा और शीशा दिखाऊंगा. पंजाब पर 5 लाख करोड़ रुपए का कर्जा है और वो पंजाब सरकार को नहीं, पंजाब की जनता को वापिस करना है.”
चन्नी पर कटाक्ष करते हुए सिद्धू ने कहा कि दिवाली गिफ्ट से पहले ये बताओ कि ऊपर क्या बेईमान बिठाओगे या ईमानदार. सिद्धू ने सवाल उठाते हुए कहा, “पंजाब एक नंबर से 17 नंबर पर क्यों चला गया. पार्टी का कार्यकर्ता नाराज है, वो घर से नहीं निकलता. लेकिन सिद्धू कार्यकर्ताओं के साथ है. मैं अगर दूसरा चुनाव जीता तो सिर्फ एक ही पेंशन लूंगा.”
वादा पूरा करने के लिए सोनिया गांधी को लिखा पत्र
पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे सिद्धू लगातार पंजाब सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल और हरीश रावत के साथ अपनी बैठक के दौरान सिद्धू ने पार्टी नेतृत्व द्वारा सौंपे गए 18 सूत्री एजेंडे पर चिंता जताई थी, जिस पर कार्रवाई अभी लंबित है. इस 18 सूत्री एजेंडे में 2015 की बेअदबी के मामलों और ड्रग्स माफिया के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है.
सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को गत 15 अक्टूबर को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उन विभिन्न मुद्दों का उल्लेख किया था, जिस पर सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए. उन्होंने पत्र में कहा था कि यह चुनावी राज्य के ‘‘पुनरुत्थान का आखिरी मौका’’ है. सिद्धू ने 13-सूत्री एजेंडे वाले एक पंजाब मॉडल पर जोर दिया था, जिसे 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करने की वकालत की थी.