गूगल और अमेजन सहित कई टेक कंपनियां कर्मचारियों की भर्ती की रफ्तार धीमी कर रही हैं. अब दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी ऐपल का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है. ऐपल के चीफ एग्जिक्यूटिव टिम कुक ने यह जानकारी दी है. कुक ने कहा कि आगे से हम कर्मचारियों को काम पर तो रखेंगे, पर इनकी संख्या कम होगी. सीबीएस को दिए इंटरव्यू में कुक ने कहा कि हम अपनी हायरिंग प्रक्रिया को धीमा कर रहे हैं. अब हर विभाग में हम नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं करेंगे.
कंपनी ने अब बहुत सोच-समझकर ही कर्मचारियों की भर्ती करने का निर्णय लिया है. ऐपल ने यह कदम अमेरिका के आईटी सेक्टर में आई मंदी के बाद उठाया है. फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने भी हाल ही में 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. गूगल और नेटफ्लिक्स भी अपनी हायरिंग स्लो कर चुकी हैं. वहीं, ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद एलन मस्क ट्विटर से भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर चुके हैं. ऐपल ने अगस्त, 2022 में 100 कांट्रेक्टर्स को नौकरी से निकाला था. इनका काम कंपनी के लिए कर्मचारियों की भर्ती करना था.
लॉन्ग टर्म निवेश प्राथमिकता
कुक ने कहा कि ऐपल लॉन्ग टर्म में निवेश को प्राथमिकता देगी. पिछले हफ्ते, ऐपल ने अपने दो नवीनतम फ्लैगशिप फोन, आईफोन 14 प्रो और आईफोन 14 प्रो मैक्स की वैश्विक कमी के बारे में बताय था. कंपनी ने कहा था कि चीन में इसकी असेंबलिंग इकाई कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण बंद हो गई है. इससे इन दोनों फोन की सप्लाई रुक गई है. चीन ने कोरोना से निपटने के लए सख्त प्रतिबंध लागू किए हैं. जिस इलाके में कोरोना के मामले आते हैं, वहां सख्त लॉकडाउन लगाया जा रहा है. इसका चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बहुत बुरा असर हुआ है.
नए प्रोडक्ट की लॉन्चिंग पर प्रभाव नहीं
ब्लूमबर्ग ने जून में ही बताया था कि ऐपल इस साल अपनी हायरिंग स्लो करेगी. हालांकि, ऐपल का कहना है कि कर्मचारियों की भर्ती में धीमेपन से कंपनी की सभी टीमों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. कंपनी का कहना है कि वह नए प्रोडक्ट लॉन्च करती रहेगी और स्लो हायरिंग से साल 2023 में लॉन्च होने वाले प्रोडक्ट्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.