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नितिन गडकरी को धमकी देने वाले पर पुलिस के खुलासे, कुख्यात गुंडा जेल से भागा, सुनाई गई थी मौत की सजा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर कार्यालय में धमकी भरा कॉल कर 100 करोड़ रुपये की मांग करने वाला व्यक्ति कर्नाटक  के बेलगावी शहर की एक जेल का कैदी है, जिसे पिछले दिनों हत्या के एक मामले में एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस व्यक्ति ने खुद को दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य बताया था. उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति की पहचान जयेश पुजारी के रूप में हुई है.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कॉल करने वाले के मकसद की जांच की जा रही है और कर्नाटक पुलिस इस मामले में मदद कर रही है. अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया लगता है कि उसने जेल से मोबाइल फोन से कॉल किया था. उन्होंने बताया कि सहायक निरीक्षक के नेतृत्व में नागपुर पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम शनिवार देर रात बेलगावी पहुंची. उन्होंने बताया कि टीम द्वारा जेल प्रशासन से सोमवार को पुजारी से पूछताछ करने की अनुमति देने का अनुरोध करने की संभावना है.

आरोपी को सुनाई गई थी मौत की सजा

पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, खामला में गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में शनिवार को 11 बजकर 25 मिनट से साढ़े 12 बजे के बीच तीन धमकी भरे फोन कॉल आए, जिसके बाद नागपुर से सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गडकरी के नागपुर स्थित आवास और कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, पुजारी को हत्या के एक मामले में एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. वह एक कुख्यात गुंडा है, जो 2016 में जेल से भागने में कामयाब रहा था. बाद में, उसे कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उन्होंने कहा कि पुजारी ने पूर्व में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को धमकी भरे फोन किए थे.

नितिन गडकरी से मांगे थे 100 करोड़

पुलिस ने पहले बताया था, कॉल करने वाले ने गडकरी के कार्यालय के फोन ऑपरेटर से कहा कि वह डी गिरोह (यानी दाऊद इब्राहिम गिरोह) का सदस्य है और उसने गडकरी से 100 करोड़ रुपये की मांग की. उसने मांग नहीं माने जाने पर बम के जरिये मंत्री को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी. पुलिस ने बताया था कि कॉल करने वाले ने पैसे पहुंचाने के लिए अपना फोन नंबर और कर्नाटक का पता दिया था. इस बीच, फडणवीस ने कहा कि कॉल करने वाले के मकसद का पता चलने तक धमकी भरे कॉल की जांच जारी रहेगी. उन्होंने कहा, कर्नाटक पुलिस की मदद से यह सामने आया कि कॉल जेल से की गई थी. संबंधित जेल में मोबाइल फोन कैसे पहुंचा और कॉल करने के पीछे मकसद क्या था, इसकी जांच की जा रही है.