पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) से पहले कांग्रेस पार्टी में जारी जंग अब खुलकर सामने आ गई है. बीते दिन इस तरह के संकेत मिले की कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को पंजाब यूनिट (Punjab Congress) का अध्यक्ष बना सकती है, इन्हीं संकेतों के बाद बवाल बढ़ गया. नाराज़ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने अलग बैठक बुला ली, इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपने समर्थकों के साथ मीटिंग की. इसके साथ ही दोनों गुटों में पोस्टर वॉर भी चल रही है. जानकारी के मुताबिक, इस विवाद के बीच नवजोत सिंह सिद्धू फिर दिल्ली आ रहे हैं. पार्टी हाईकमान के द्वारा उन्हें दिल्ली समन किया गया है.
पंजाब में बैठकों का दौर…
पंजाब (Punjab) में पार्टी यूनिट के दो फाड़ होने के आसार बढ़ने लगे हैं. पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ मीटिंग बुलाई, जिसमें उन्होंने ताज़ा डेवलपमेंट को देखते हुए मंथन किया. वहीं, पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने की आस लगाए बैठे नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपने साथियों के साथ मीटिंग की.
जानकारी के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार में मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर मीटिंग की, उनके साथ करीब पांच मंत्री और 10 विधायक शामिल हुए. इन्हीं दो बैठकों के बाद ऐसा लगने लगा कि पंजाब का मसला अब हाथ से निकलता जा रहा है.
कैसे शुरू हुई ताज़ा रार…
दरअसल, कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में बयान दिया था कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. जबकि मुख्यमंत्री का पद कैप्टन अमरिंदर के पास ही रह सकता है. हरीश रावत के इसी बयान के बाद पंजाब कांग्रेस में दंगल शुरू हुआ था.
इस बयान के बाद हरीश रावत की एक बार फिर नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी. हरीश रावत के मुताबिक, ये मुलाकात उत्तराखंड के मसले पर थी. लेकिन, इस मीटिंग के बाद हरीश रावत ने अपने सिद्धू वाले बयान पर सफाई दी और कहा कि उनका बयान गलत तरीके से
पोस्टर की जंग भी हुई शुरू…
जैसे ही ये संकेत मिलने लगे कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान मिल सकती है, उनके समर्थक जोश में आ गए हैं. पंजाब के लुधियाना में जगह-जगह पोस्टर लगे हैं, जिनमें नवजोत सिंह सिद्धू की हुंकार का जिक्र है और लिखा है कि बब्बर शेर एक ही होता है. इनके अलावा पंजाब के कई इलाकों में कैप्टन अमरिंदर सिंह के भी पोस्टर लगे हैं, जिनमें पंजाब का असली कैप्टन उन्हें ही बताया गया है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस की ये जंग कहां जाकर रुकती है, इसपर हर किसी की नज़र है.