जिस तरह से पंजाब कांग्रेस में सियासी खींचातानी चल रही है, वो अब पार्टी के लिए मुसीबत बन रही है. पार्टी के बहुत से नेता मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ खड़े हो चुके हैं. अब अन्य नेताओं की भांति पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन के खिलाफ खड़े हो गये हैं और उनसे तेवर दिखाने में जुटे हैं.
शोपीस नहीं हूं
प्राप्त खबर के अनुसार पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते दिन कहा कि वो केवल एक शोपीस (दिखावटी सामान) नहीं हैं, जिसकी इस्तेमाल चुनाव में जीत हासिल करने के लिए किया जा सके. उन्होंने कहा कि वह पार्टी और राज्य सरकार में कोई भी पद नहीं लेना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान पर उनका भरोसा कायम है.
इसके आगे सिद्धू ने कहा कि वो बिना किसी लोभ के कैप्टन सरकार का साथ देने के लिए रेडी हैं, पर इस तरह में सरकार को भी आम जनता के लिए जरूरी एजेंडे को लागू करना पड़ेगा. सरकार ये करने में सक्षम ना हो पा रही है और नाकाम होती हैं, तो उनको किसी भी पद की आवश्यकता नहीं है.
सिद्धू के हिसाब से चुनाव जीतने के लिए ये लोग उनका इस्तेमाल करना चाह रहे हैं. लेकिन सिद्धू ऐसे सिस्टम में रहकर काम करने के लिए क्यों तैयार हो. सिद्धू ने कहा कि इससे बेहतर है कि मैं अकेले काम करूं न कि सिर्फ दर्शनी घोड़ा या शोपीस बनकर रहूं.
कैप्टन को कही ये बात
सिद्धू ने पंजाब में डिप्टी सीएम या प्रदेश कांग्रेस चीफ बनने की संभावनाओं पर बोला कि ये लोग आप को आराम से करने नहीं देंगे. इस तरह के सभी प्रस्ताव पर काम करने से मैंने मना कर दिया है. सिद्धू ने ये भी कहा कि अगर सिस्टम जनता की भलाई के लिए की गई मेरी मांगों को खारिज करेगा तो मैं ऐसे सिस्टम को ही खारिज करता हूं.
सिद्धू ने दो कांग्रेसी विधायकों के बेटों को नौकरी देने के विषय पर भी कैप्टन पर निशाना साधाते हुए कहा कि यह संविधान की मर्यादा और आत्मा के खिलाफ है और इसके लिए क्या योग्यता भी तय की गई थी? उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में मेरे परिवार ने कई उदाहरण पेश किए हैं. सिद्धू ने आगे कहा कि अगर सांत्वना ही कोई पैमाना है तो इसका फायदा किसे मिलने चाहिए था.