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नए साल पर दिल्ली की सड़कों से हटेंगे ऐसे 3 लाख वाहन, आपकी गाड़ी भी तो इस लिस्ट में नहीं

यदि आप दिल्ली में रहते हैं और आपकी गाड़ी डीजल वाली है तो फिर यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी से उन डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन समाप्त करने का फैसला लिया है, जिनके 10 साल पूरे हो चुके हैं या फिर 1 जनवरी, 2022 को यह अवधि पूरी हो जाएगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार की ओर से यह फैसला लिया जा रहा है। इसी सप्ताह परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इन गाड़ियों के मालिकों को एनओसी जारी की जाएगी ताकि वे किसी अन्य स्थान पर भी उन्हें डीरजिस्टर करा सकें। हालांकि यह एनओसी उन वाहनों के लिए नहीं होगी, जिनके 15 साल पूरे हो चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर रोक का आदेश दिया था। इससे पहले 2014 में एनजीटी का आदेश था कि 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को पब्लिक प्लेस पर पार्किंग के लिए भी जगह नहीं दी जानी चाहिए। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ ऐक्शन ले रहे हैं। अब तक करीब 1 लाख ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन खत्म हुआ है। अब 1 जनवरी, 2022 से सख्ती के साथ ऐसी सभी गाड़ियों का पंजीकरण समाप्त होगा।’ अब तक 1 लाख पर रोक लग चुकी है और फिलहाल 2 लाख ऐसी गाड़ियां और हैं, जो कम से कम 10 साल पुरानी हैं।

ऐसे 3 लाख वाहन दिल्ली की सड़कों से हटेंगे

इसका अर्थ यह हुआ कि दिल्ली की सड़कों पर नए साल से 3 लाख डीजल वाहनों के चलने पर रोक लग जाएगी। अधिकारी ने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से लगातार नोटिस जारी कर लोगों को इस बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा, ‘विभाग के निर्देशों के मुताबिक दिल्ली में 15 साल पुराने डीजल वाहन और 10 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां नहीं चल पाएंगी। स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत यह आदेश जारी किया गया है।’ अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में ओवरएज गाड़ियों की संख्या 38 लाख के करीब है। इनमें से 3 लाख ऐसे डीजल वाहन हैं, जो 10 साल से ज्यादा पुराने हो चले हैं।

NGT ने 2016 में दिया था सख्ती से नियम लागू करने का आदेश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2016 में 10 साल पुराने डीजल वाहनों के डीरजिस्ट्रेशन का आदेश दिया था और कहा था कि इसे पूरी सख्ती के साथ लागू किया जाना चाहिए। उस आदेश में कहा गया था कि पहले 15 साल पुराने वाहनों पर रोक लगानी चाहिए और फिर 10 साल पुरानी गाड़ियों पर रोक लगा सकते हैं।

परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को यह विकल्प भी दिया

परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को थोड़ी राहत भी दी है। इसके तहत 10 पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को यदि इलेक्ट्रिक गाड़ी में तब्दील करा लिया जाता है तो फिर उन्हें चलाने की परमिशन होगी। हालांकि इन गाड़ियों में इलेक्ट्रिक किट्स वाहन मालिकों को परिवहन विभाग की ओर से मंजूरी प्राप्त एजेंसियों से ही लगवाने की अनुमति होगी।