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नई काबिलियत के साथ सामने आए हैं जसप्रीत बुमराह, अंग्रेजों को किया चारों खाने चित

16 अगस्त, 2021 से पहले भारत में जब भी ला‌र्ड्स का जिक्र होता था तो सबके जेहन में सिर्फ दो ही छवि नजर आती थीं, याद दिलाऊं क्या? जी आप सही समझे, मैं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव और सौरव गांगुली की बात कर रहा हूं। ला‌र्ड्स की बालकनी में 1983 विश्व कप ट्राफी के साथ मुस्कुराता हुआ कपिल का चेहरा और 2002 में नेटवेस्ट ट्राफी जीतने के बाद सौरव गांगुली का टीशर्ट लहराना।

किसी भी भारतीय को गर्व से भर देने के लिए काफी था। सोमवार को इसमें एक छवि और जुड़ गई, भारतीय कप्तान विराट कोहली की। जोस बटलर का विकेट गिरने के बाद वह बालकनी की तरफ दौड़े और दर्शकों को यह इशारा किया कि यहां पर भारतीय टीम अब दूसरा टेस्ट लगभग जीत चुकी है। भारत ने 151 रन की जीत के साथ पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त ले ली है।

क्रिकेट के घर में हुए इस मैच में मैन आफ द मैच भले ही बल्लेबाज केएल राहुल बने हों, लेकिन जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी और मुहम्मद सिराज ने जिस तरह का प्रदर्शन किया उसने अंग्रेजों को लंदन में ही गुजरात, उत्तर प्रदेश और हैदराबाद के चक्कर लगवा दिए होंगे। जब बुमराह ने भारत की दूसरी पारी में सामने की तरफ शानदार शाट मारा और जेम्स एंडरसन उसको रोकने के लिए मैदान में गिरते हुए नजर आए तो ऐसा लग रहा था कि ब्रिटिश साम्राज्य भारत के सामने झुक गया है। बुमराह और शमी ने मैच के आखिरी दिन बल्लेबाजी में जिस तरह का पराक्रम दिखाया उसने 16 अगस्त को भी हमें स्वतंत्रता दिवस का एहसास दिलाया।

हर जगह चित हुए अंग्रेज

ला‌र्ड्स टेस्ट में जब पांचवें दिन की शुरुआत हुई तो इंग्लैंड की योजना स्पष्ट नजर आ रही थी। रिषभ पंत को आउट करो और भारत की बढ़त को 200 रन से कम पर रोको। जिससे इंग्लैंड को जीत के लिए कम से कम रनों का लक्ष्य हासिल करना पड़े। हालांकि मैच में इसके विपरीत बाकी सब कुछ हुआ। शमी और बुमराह को क्रीज पर देखने के बाद सभी को लगा कि भारत 200 की बढ़त बना ले यही बहुत होगा मगर कप्तान कोहली को बालकनी से दूसरी पारी के लिए तैयार होने के लिए अंदर जाते हुए नहीं देखा गया। उन्हें मानो ऐसा लग रहा था कि उनके यह दोनों गेंदबाज बल्लेबाजी में कुछ कमाल दिखाने वाले हैं।

इंग्लिश कप्तान जो रूट ने नई गेंद मिलने पर अपने तेज गेंदबाजों को शमी और बुमराह के शरीर और हेलमेट पर बाउंसर से प्रहार करवाना शुरू करवाया और इसी बीच छींटाकशी भी हुई। यही चीज अंग्रेजों पर भारी पड़ गई और शमी व बुमराह ने क्रीज पर समय निकालने के साथ अपनी आंखें जमा ली। उसके बाद इन दोनों ने खुलकर शाट खेले। अब अंग्रेज कप्तान रूट ने फील्ड फैलानी शुरू कर दी मगर तब तक चिड़िया खेत चुग चुकी थी। शमी नाबाद 54 रन तो बुमराह नाबाद 34 रन बनाकर वापस लौटे। कप्तान विराट कोहली ने पारी घोषित कर दी और इंग्लैंड को 60 ओवर में 272 रनों का लक्ष्य दिया।

बुमराह की कमाल की गेंद

दूसरी पारी में ऐसा लगा जैसे अंग्रेज बल्लेबाजों को लकवा मार गया हो, मैच की शुरुआत से ही सभी बल्लेबाज पिच पर कम, बल्कि पवेलियन से आते-जाते ज्यादा नजर आए। कोहली ने कई शानदार फैसले लिए और निचले क्रम के बल्लेबाजों को कैसे आउट करना है यह भी रूट को उन्होंने इसी मैच की दूसरी पारी में दिखाया। कोहली ने इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों के खिलाफ तीन स्लिप, गली और शार्ट लेग जैसी आक्रामक फील्ड लगाकर दबाव बनाए रखा और उसमें सफलता भी हासिल की। यह तो नहीं पता कि दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी की गेंदबाजी की शुरुआत बुमराह से करवाने का फैसला किसका था, लेकिन यह काफी कामगार साबित हुआ।

दूसरी पारी की तीसरी गेंद पर ही बुमराह ने सलामी बल्लेबाज रोरी ब‌र्न्स को शून्य पर पवेलियन भेज कर भारत की जीत की नींव रख दी। इस विकेट के बाद भारतीय तेज गेंदबाजों के समूह ने क्रिकेट के अखाड़े में अंग्रेज बल्लेबाजों को चुन-चुन कर चित्त करना शुरू कर दिया। मैच की सबसे खास गेंद बुमराह के द्वारा ओली राबिनसन को पगबाधा करने वाली रही। उन्होंने इस ओवर में पहले ओली को कुछ गेंदें आफ साइड स्टंप पर डालीं, उसके बाद राउंड द विकेट आए और तेज बाउंसर डाली मगर पैर आगे जाने के कारण इसे नो बाल करार दे दिया गया।

अंतिम गेंद पर चकमा देते हुए बुमराह ने मिडल स्टंप पर स्लोवर गेंद डाली और ओली पगबाधा हो गए। उनकी इस कला ने सबका दिल जीत लिया। बुमराह ने दूसरी पारी में तीन तो सिराज ने चार विकेट लिए। बुमराह इस सीरीज में अब तक सबसे ज्यादा 12 विकेट ले चुके हैं और उन्होंने इस सीरीज में अपनी काबिलियत का पूर्ण परिचय दिया है। कुल मिलाकर भारतीय गेंदबाजों ने गेंद और बल्ले से पूरी वीरता दिखाई है जिसके लिए उनको सलाम करना चाहिए।