भारत में कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों को देखते हुए भारतीय रेल एक बार फिर अपने पुराने रंग-रूप में लौटने की तैयारियों में जुट गई है. भारतीय रेल अपने राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए जहां एक बार फिर यात्री ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी कर रही है, वहीं दूसरी ओर रेलवे माल ढुलाई से भी कमाई बढ़ाने के प्रयास कर रही है. इसी सिलसिले में उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने माल ढुलाई में ऐसा काम किया है, जो इसने पहले कभी नहीं किया था.
उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने बताया कि उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने बेहतर योजना के साथ पीसमील लदान में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. दिल्ली मंडल ने 24 नवंबर 2021 को एक बीसीएन वैगन में फरीदाबाद से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के लुम्डिंग मंडल के अम्बासा तक के परिवहन के लिए आयातित की गई लकड़ी का लदान कर सड़क द्वारा टिम्बर को रेलवे द्वारा परिवहन करने की ओर एक और कदम बढ़ाया है.
सिर्फ रेलवे को ही नहीं, देश के व्यापारियों को भी मिलेगा लाभ
यह पहली बार है जब दिल्ली मंडल द्वारा पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के लिए लकड़ी का लदान किया गया है. दिल्ली मंडल के इस प्रयास से भारतीय रेलवे को 1,39,514 रुपये का राजस्व अर्जित हुआ है. दिल्ली मंडल के इस कदम से न सिर्फ रेलवे को ही लाभ होगा बल्कि देश के करीब 2,800 छोटे, मझोले और बड़े उद्योगपतियों को भी काफी फायदा होगा और उनके उत्पादों को रेलवे जैसे सुरक्षित यातायात द्वारा देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित हो सकेगा.
व्यापार में अहम भूमिका निभाएगा दिल्ली मंडल का ये प्रयास
आशुतोष गंगल ने बताया कि फरीदाबाद औद्योगिक संघ ने पीसमील लदान के इस कदम का स्वागत किया है और अपना आभार प्रकट किया है. उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल द्वारा उठाया गया यह एक छोटा कदम है जो आगे चलकर सभी उद्योगपतियों के व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उत्तर रेलवे के लिए भी यह गर्व की बात है. भारतीय रेल को रोल मॉडल बनाने के लिए हम सभी अपना प्रयास जारी रखेंगे. बताते चलें कि भारतीय रेलवे की कमाई का प्रमुख जरिया माल ढुलाई ही है.