कोरोना वायरस के आरोपों के बीच चीन दुनिया भर में चौतरफा घिर गया है। चीन एक तरफ लद्दाख में भारत को आंख दिखाने की हिमाकत कर रहा है। तो साथ ही, चाइना सी पर भी चीन अपना दबदबा बनाने के लिए आक्रामक रवैया अख्तियार किए हुए है। जिस वजह से दुनिया के सभी देश मिलकर चीन की ताकत को करारा जवाब देने के लिए तैयार खड़े है। इसी बीच, अब अमेरिका ने चीन के इस अड़ियल रवैये के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। दरअसल अमेरिका ने परमाणु शक्ति से लैस अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सी में भेज दिए हैं। जिसके बाद अब अमेरिका और चीन के बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया है।
अमेरिका ने समुंद्र में चीन का दबाव कम करने और जरूरत पड़ने पर हमला करने के लिए अपने दो युद्ध पोत USS रोनाल्ड रीगन और USS निमित्ज़ को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है। ये दोनों युद्धपोत एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान की स्ट्राइक करने की क्षमता का लगातार आकलन कर रहे हैं। परमाणु शक्ति से लैस इन दोनों युद्धपोत की खास बात ये है कि ये मल्टी मिशन एयरक्राफ्ट है। जो दुनिया के सबसे बड़े जहाजों में गिने जाते है। ये दोनों एक साथ पांच हजार से भी ज्यादा नौसैनिकों को ले जाने की क्षमता रखते है और अमेरिका इस कदम से साफ है कि वह चीन से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वहीं, अमेरिका ने यहां पर युद्दाभ्यास भी शुरू कर दिया है। जिससे साफ है कि अमेरिका सिर्फ एक ऐसा मौका तलाश कर रहा है। जब उसे चीन की ताकत को धूल चटाने का मौका मिलेगा। हालांकि, इससे पहले चीनी नौसेना ने भी इसी इलाके में युद्धाभ्यास किया था। इस दौरान चीन ने अपनी ताकत दिखाते हुए पड़ोसी देशों को धमकाने की कोशिश की थी। चीन इन दिनों भारत के अलावा वियतनाम से लेकर ताइवान से भी टकराव और तनाव बढ़ा रहा है। जिस वजह से अब तमाम देशों ने मिलकर चीन को सबक सिखाने का फैसला लिया है। अमेरिका ने भी इस दौरान एशियाई देशों की मदद का फैसला लेते हुए अपने सैनिकों को यूरोप से हटाने की बात कही थी और सैनिकों को एशियाई देशों की तरफ भेजने का ऐलान किया था। जिस वजह से अमेरिका और चीन के बीच तनाव समय के साथ बढ़ रहा है।