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दुनिया का सबसे अनोखा गांव जहां कुंभकर्ण की तरह सोते हैं लोग, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

एक इंसान को उसकी नींद बड़ी प्यारी होती है, जब कभी हमें नींद आती है तो हम सबकुछ छोड़कर बिस्तर की ओर भागने लगते हैं और यही सोचते हैं किसी तरीके से एक कोना मिल जाए और हम अपनी नींद पूरी कर ले, कई लोग जहां चार-पांच घंटे सोकर अपनी नींद पूरी कर लेते हैं तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैसात से आठ घंटे की नींद लेते हैं. लेकिन एक तीसरे तरह के लोग भी होते हैं. जिन्हें सोना खूब पसंद होता है और वो दिन के कई घंटे सोने में ही निकाल देते हैं और कई बार हम लोग उन्हें कुंभकर्ण की उपमा भी दे देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में एक गांव है, जहां के लोग भी कुंभकर्ण की तरह सोते हैं.

हम बात कर रहे हैं कजाकिस्तान के कलाची गांव के बारे में, जहां के लोग इतना सोते हैं जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. जहां के लोग एक दो दिन नहीं बल्कि कई महीनों तक सोते हैं. यही वजह है कि कलाची गांव को लोग स्लीपी हॉलो (Sleepy Hollow Village) के नाम से जानते हैं. यहां के लोग ज्यादातर सोते हुए नजर आते हैं. इनके सोने की आदतों की वजह से इन ग्रामीणों पर कई बार शोध भी किया गया है.

किसी भी समय सो जाते हैं यहां के लोग

वैज्ञानिकों की माने तो इस गांव के लोगों के ज्यादा सोने के लिए जिम्मेदार यूरेनियम जैसी जहरीली गैस (Uranium Gas) है. इस गैस की वजह से इस गांव का पानी भी काफी दूषित हो गया है. वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी (Study) में पाया कि यहां के पानी में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस (Carbon Monoxide Gas) है, जिसकी वजह से यहां के लोग महीनों तक सोते रहते हैं. कलाची गांव से कई दिनों तक सोने का पहला मामला 2010 में आया था. यहां कुछ बच्चे अचानक से स्कूल में झपकी लेते हुए गिर गए थे. इसके बाद वह सो गए थे. फिर इस गांव में इस बीमारी के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी.

कलाची गांव से कई दिनों तक सोने का पहला मामला 2010 में आया था. यहां कुछ बच्चे अचानक से स्कूल में झपकी लेते हुए गिर गए थे. इसके बाद वह सो गए थे. फिर इस गांव में इस बीमारी के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. यहां लोग कब नींद के आगोश में चले जाएं पता ही नहीं चलता है. कलाची गांव की एक और खासियत है जो और भी हैरान करने वाली है यहां के लोगों को कब नींद आ जाएगी यह उन्हें भी नहीं पता होता है. हालत यह है कि यहां के लोगों को चलते-फिरते खाते-पीते, नहाते हुए किसी भी समय नींद आ सकती है. इस अजीबोगरीब गांव (Weird Village) के लोगों का कहना है कि उन्हें नींद आने का पता ही नहीं चलता है.