सब इंस्पेक्टर नागरिक पुलिस, प्लाटून कमांडर पीएसी और अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के 9534 पदों पर सीधी भर्ती के लिए वर्ष 2021 में कराई गई ऑनलाइन लिखित परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने वाले और 11 अभ्यर्थियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इन सभी 11 अभ्यर्थियों एवं इनसे संबंधित परीक्षा केंद्रों के छह व्यवस्थापकों के विरुद्ध लखनऊ के महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की जांच के आधार पर अब तक कुल 129 अभ्यर्थी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। बोर्ड के अनुसार परीक्षा में सफल घोषित किए गए सभी 36170 अभ्यर्थियों की शैक्षिक अभिलेखों की जांच एवं शारीरिक मानक परीक्षा कराई जा चुकी है। इसमें सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) इस समय प्रदेश की आठ पीएसी वाहिनियों में कराई जा रही है।
सोमवार को 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ में 66 अभ्यर्थियों को दौड़ के लिए बुलाया गया था। इस दौरान इन अभ्यर्थियों से बोर्ड के उच्चाधिकारियों ने आनलाइन लिखित परीक्षा के संबंध में गहन पूछताछ की गई तो उनमें से 11 अभ्यर्थियों द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका। बोर्ड के अनुसार परीक्षा में सफल होने के लिए इन अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापकों की मदद से अनुचित साधन का प्रयोग किए जाने का पर्याप्त साक्ष्य पाया गया है। इन 11 अभ्यर्थियों में पांच पुरुष व छह महिला अभ्यर्थी शामिल हैं।
बोर्ड ने 11 अभ्यर्थियों बागपत की तनु चौधरी, मथुरा की कु. विकेश, कानपुर नगर के प्रदीप कुमार, हरियाणा के अनीत, सहारनपुर के नितिन पवार, बिजनौर की चीनू यादव, प्रतापगढ़ के अभिषेक सिंह, बागपत की सीमा व शैली, देवरिया के अरविंद कुमार यादव और आगरा की निर्मला चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। इसके अलावा एस. डब्ल्यू इंफोटेक आगरा के व्यवस्थापक भारतेंदु लवानिया, शिव आनलाइन सेंटर गोरखपुर के गौरव शर्मा, कृष्णा इन्फोटेक आगरा के महेश चंद्रा, राधेश्याम विद्यापीठ मेरठ के अमित अग्रवाल, मंगलमूर्ति इंस्टीट्यूट वाराणसी के अमित कुमार और जेएनएम इंस्टीट्यूट वाराणसी के अमित सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। भर्ती बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के ‘रिस्पांस विहैवियर’ का अध्ययन कराते हुए अनुचित साधन का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों को चिह्नित किया है।