कहते है मां की जगह कोई नहीं ले सकता। वो हर मुसीबतों और तकलीफों से अपने बच्चों को बचाकर रखती है। बच्चें के लिए वह पूरी दुनिया तक से लड़ जाती है। अपनी जान तक की परवाह नहीं करती है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला है महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में, जहां एक मां अपनी बच्ची को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया।
बता दें कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में एक मां गांव के बाहरी इलाके में अपनी पांच साल की बेटी के साथ जंगलों से जा रही थी कि तभी अचानक एक तेंदुए(leopard) ने मासूम बच्ची पर हमला कर दिया। वहीं तेंदुए के इस तरह अचानक बच्ची पर हमला होने से वह पहले तो डर गई लेकिन बाद में हिम्मत जुटाते हुए बांस की एक लकड़ी उठाई और बच्ची को तेंदुए से बचाने के लिए उसको मारने लगी। जिसके बाद तेंदुए ने बच्ची को छोड़ दिया और जंगल की ओर भाग गया।
वन विकास निगम लिमिटेड के संभागीय प्रबंधक वीएम मोरे(VM more) ने बताया कि चंद्रपुर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित जूनोना गांव की रहने वाली अर्चना मेश्राम 30 जून को गांव के बाहरी इलाके में जा रही थीं, तभी अचानक एक तेंदुए ने उनकी बच्ची पर हमला कर दिया। महिला पहले तो डर गई, लेकिन तुंरत ही उसने अपनी बच्ची को बचाने के लिए हिम्मत जुटाई और बांस की छड़ी से तेंदुए को मारने लगी। वीएम मोरे के अनुसार जब मां ने तेंदुए को छड़ी से मारा तो तेंदुए ने लड़की को छोड़ दिया और महिला पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन वह उसे लगातार डंडे से मारती रही, जिसके बाद तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार यह घटना 30 जून को हुई थी। वहीं इस घटना में लड़की को गंभीर चोटें आई हैं। घटना के तुरंत बाद वन विभाग के कर्मचारी बच्ची को चंद्रपुर सिविल अस्पताल ले गए, जहां से उसे बाद में नागपुर के एक सरकारी दंत अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहीं अब सोमवार को नागपुर के एक अस्पताल में बच्ची की सर्जरी होने वाली है।