तालिबान एक तरफ पुरानी सरकार के कर्मचारियों को काम पर लौटने की अपील कर रहा है। वहीं दूसरी ओर तालिबान सरकारी अफसरों और बड़ी हस्तियों के बैंक खाते पर ताला लगा रहा है। तालिबान सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्लाह सामंगानी ने बताया कि पिछली सरकार के लिए काम करने वाले कुछ अधिकारियों के बैंक खाते बंद किए गए हैं। हालांकि तालिबान ने नाम उजागर नहीं किए हैं कि किसके खाते बंद हुए हैं। तालिबान ने ये जरूर कहा है कि देश छोड़कर भागे कर्मचारियों के बैंक खाते बंद किए गए हैं।
इसके बाद अफगान केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जिन मंत्रियों, गर्वनर, डिप्टी गर्वनर, संसद सदस्य, मेयर समेत अन्य हस्तियों के खाते जिन भी बैंकों द्वारा बंद किया गया है उसकी जानकारी केंद्रीय बैंक को दी जाए। केंद्रीय बैंक द अफगानिस्तान बैंक के गर्वनर अजमल अहमदी का कहना है कि तालिबान केंद्रीय बैंक के धन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उन्होंने बताया, बैंक के पास 10 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है जो अफगानिस्तान में नहीं है।
अपने पैसे के लिए कतार में लगे हुए हैं लोग
बैंक खुले तो बैंकों के बाहर लोगों की अभी भी लंबी लाइन है। लोगों को सीमित मात्रा में ही पैसे की निकासी की इजाजत है। बैंक के बाहर पैसा निकालने के लिए खड़े लोगों का कहना है कि खाते में पैसा होने के बाद भी जरूरत के अनुसार पैसा नहीं मिल रहा है। इस कारण दैनिक जीवन यापन तो मुश्किल हो ही रहा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज तक पैसे के अभाव में ठप हो रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बंद पड़े बैंक अभी कुछ समय पहले ही खुले हैं।