अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के साथ ही पाकिस्तान की सामरिक, रणनीतिक स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। अमेरिकी सेना लगातार लौट रही है और तालिबान मजबूत होता जा रहा है। तालिबान के लड़ाकों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद अमेरिकी हथियारों को अब अपने कब्जे में ले लिया है। ज्ञात हो ये सभी हथियार कभी अफगानी सेना के पास थे। माना जा रहा है कि सभी हथियार तालिबान के हाथ आ चुके होंगे। तालिबान के हाथ सभी हथियार हाने से सबसे बड़ी मुश्किल अब पाकिस्तान के लिए पैदा होगी। भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक कि अगर तालिबान या उसके समर्थक आतंकी संगठनों द्वारा ऐसे हथियारों को भारत में घुसाने की कोशिश की जाती है तो वो इसमें नाकाम होंगे। ज्ञात हो कि इस तरह के हथियार भारत में आने से पहले पाकिस्तान में ही तबाही मचाएंगे। तालिबान की जीत के बाद पाकिस्तान में आईएसआई समर्थित आतंकी संगठन अमेरिकी हथियारों को प्रयोग पहले पाकिस्तान में ही हिंसा का कारण बन सकता है। पाकिस्तान के खिलाफ जब अमेरिकी हथियारों का प्रयोग होता तो वहां की आतंकी और मजबूत होंगे।
तालिबान के हाथ लगे हैं ये हथियार
ज्ञात हो कि तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में अमेरिकी हथियारों को लूटा है। इनमें पांच लाख एम-16, एम-4 असॉल्ट रायफल्स, मशीन गन, 50 कैलिबर हथियार और अन्य हथियार शामिल हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्नाइपर रायफल, बुलेट, बुलेट प्रूफ जैकेट्स भी शामिल हैं। पाकिस्तान को अब अफगानिस्तान से 2000 आर्म्ड व्हीकल, हेलिकॉप्टर, ड्रोन और अन्य चीजें भी मिल सकती हैं। सामरिक रूप से अमेरिका के सभी आयुध सामान अफगानिस्तान के आसपास के देशों के लिए खतरा साबित होंगे।
भारतीय सेना के अधिकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की सीमा पर हमारे जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं जो किसी भी तरह की घुसपैठ या हमले का सामना करेंगे। भारत सेना उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में अपनी पैठ जमा चुके हैं। इनमें लश्कर ए तैयबा जैसे संगठन भी शामिल हैं। आतंकी संगठनों का साथ मिलने से ही तालिबान मजबूत हुआ है।