पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ महीनों से तनाव बना हुआ है। जिस वजह से सीमा पर सेनाएं भी आमने-सामने है। हालांकि, भारत और चीन के इस तनाव को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य कमांडर स्तर की बैठकें हुई है लेकिन चीन कभी भी नियंत्रण रेखा से अपनी सेना को पीछे हटाने के लिए तैयार नहीं हुआ। और चीन के इसी अड़ियल रवैये की वजह से भारत और चीन का तनाव लगातार जारी है। वहीं, चीन के इस अड़ियल रवैये पर अब भारत ने सख्त कदम उठाया है। जिससे सीमा पर हलचल शुरू हो गई। दरअसल भारत ने सीमा पर अपनी पोजीशन मजबूत करनी शुरू कर दी। जिसके लिए सीमा पर टैंक और पैदल सेना के वाहनों की तैनाती हो रही है।
दरअसल भारतीय सेना ने रविवार को लेह से 200 किलोमीटर दूरी पूर्वी लद्दाख के चुमार डेमचोक क्षेत्र में टैंक और पैदल सेना को वाहनों को तैनात किया है। इस दौरान सेना की तरफ से बीएमपी-2 इन्फ्रैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के साथ टी-20 और टी-72 की तैनाती की गई है। इन टैंक की खास बात ये है कि ये पूर्वी लद्दाख में माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में सटीत तरीके से दुश्मन पर हमला कर सकते हैं। सेना की इस तैनाती को लेकर 14 कोर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ के मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा, ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स भारतीय सेना का एकमात्र फॉरमेशन है और दुनिया में भी ऐसे कठोर इलाकों में यंत्रीकृत बलों को तैनात किया गया है। टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और भारी बंदूकों का इस इलाके में रखरखाव करना एक चुनौती है।’
बता दें कि चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से तनाव चल रहा है। चीन की और से कई बार भारतीय हिस्से पर कब्जे की कोशिश की गई है लेकिन भारतीय सेना ने हर बार चीन को जवानों को खदेड़ा है। इतना ही नहीं, तनाव के बीच चीन सीमा के आसपाल के इलाकों में निर्माण कार्य भी कर रहा है। जानकारी के अनुसार, चीनी पक्ष ने एलएसी – पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोपखाने और ऑर्मर का निर्माण शुरू कर दिया है।