यह बात तो फिलहाल किसी से छुपी नहीं है कि भारत और चीन के बीच हालात कितने संवेदनशील बन चुके हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव की स्थिति बरकरार है। तनाव का यह सिलसिला गत चार माह से जारी है। इस तनाव को दूर करने के लिए अनवरत दोनों देशों की तरफ से सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता का सिलसिला जारी है, मगर इसका तो फिलहाल कोई सकारात्मक नतीजा निकलकर सामने नहीं आ रहा है। अभी हालात जस के तस बने हुए हैं। बीते दिनों खुद एयर चीफ मार्शल ने भी साफ कर दिया था कि एलएसी पर न तो युद्ध जैसे हालात है और न ही शांति जैसे हालात, लेकिन हमारी सेना चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
उधर, अब इसी कड़ी में भारत ने ड्रैगन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 1 हजार किलोमीटर वाली रेंज की मिसाइलें तैनात करना शुरू कर दी है। इन मिसाइलों को भारतीय अनुसंधान संगठन ने तैयार किया है। भारत अपनी इस मिसाइलों की तैनाती से पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश देना चाहता है। बता दें कि केंद्रीय रक्षा मंंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने निर्भय सब-सोनिक मिसाइल के औपचारिक शुरूआत की मंजूरी दे दी थी।
यहां पर हम आपको बताते चले कि बीते दिनों ने चीन ने भी एक ऐसा ही कदम उठाया था, जिसमें ड्रैगन ने डोकलाम में केडी-63 क्रूज मिसाइल तैनात की थी। जिसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारत ने भी परमाणु क्षमता से संपन्न पृथ्वी-2 का परिक्षण कर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया था। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव की स्थिति बरकरार है। फिलहाल इस स्थिति पर विराम लगाने के लिए लगातार कूटनीतिक वार्ता का सिलसिला जारी है।