गुजरात में अस्पताल की लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. किडनी में पथरी की वजह से परेशान एक मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ तो डॉक्टर ने गुर्दे से पथरी हटाने की जगह मरीज की किडनी ही निकाल ली.
बता देंं कि नडियाद के रहने वाले देवेंद्र भाई रावल को पेशाब होने में दिक्कत होने के बाद उन्हें किडनी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जब उनकी स्थिति और बिगड़ी तो उन्हें अहमदाबाद के आईकेडीआरसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी 8 जनवरी को 2012 में मृत्यु हो गई थी. कंज्यूमर आयोग ने अपने ऑर्डर में कहा है कि अस्पताल के पास इनडोर और आउटडोर परीक्षण के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी होती है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टर द्वारा बरती गई मेडिकल लापरवाही के लिए इंश्योरेंस कंपनी जिम्मेदार नहीं होती है. अस्पताल ने पथरी निकालने के लिए सर्जरी की थी और मरीज ने किडनी से पथरी निकालने के लिए ही रजामंदी भी दी थी लेकिन उसकी किडनी निकाल दी गई जिसमें साफ होता है कि डॉक्टर और अस्पताल की लापरवाही है.