फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू और बुखार के कारण हाहाकार मचा है. बड़ी तादाद में लोग बीमार हो रहे हैं, मौतें हो रही हैं. वहीं बुखार के मरीजो की संख्या भी कम नहीं हो पा रही. मेडिकल कॉलेज में बने बच्चों के वार्ड में गंभीर मरीज की कौन कहे, सामान्य मरीज को भी भर्ती नहीं किया जा रहा. हालात इतने खराब हो गए हैं कि प्राइवेट अस्पतालों में, चिकित्सकों के यहां बड़ी संख्या में मरीजों का उपचार चल रहा है.
फिरोजाबाद के गांव नगला चूरा में सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद है. बताया जाता है कि जिस डॉक्टर की नगला चूरा में ड्यूटी थी उन्हें कहीं और ड्यूटी पर लगाया गया है जिसके कारण इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोई डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ नहीं आता. ग्रामीण अंचलों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बंद होने से उन इलाकों के मरीज सीधे मेडिकल कॉलेज आ रहे जिससे यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर अधिक दबाव पड़ रहा और व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
हालात कितने खराब हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों के यहां भी बुखार से पीड़ित लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. प्राइवेट अस्पतालों और प्राइवेट डॉक्टरों के यहां भी मरीजों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. गांव नगला चूरा में भी वायरल बुखार फैला है. अब हालात ये है कि डॉक्टर खुद मरीजों के घर पर ही या किसी खुले हॉल में तख्त डालकर उसपर मरीजों को लिटाकर बोतल चढ़ा रहे. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने कहा कि हमने झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ कार्यवाही की है. उसका कड़ा संदेश गया है. ये लोग अपनी दुकान बंद करके भागे भी हैं. उन्होंने कहा कि हमने पूरे शहर में करीब तीन सौ को चिह्नित किया है. हमारा अभियान लगातार चल रहा है. जिलाधिकारी ने कहा कि लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि अब वे झोलाछाप डॉक्टरों के चुंगल में नहीं फंस रहे.