मंगलौर में एक दिलचस्प मामला देखने को मिला है. टोना-टोटका के लिए ‘भगवान’ से पंगा ले रहे तीन लोगों में से एक अब इस दुनिया में नहीं है और दो पुलिस की गिरफ्त में हैं. मंगलौर पुलिस ने कोरगाजा मंदिर में आपत्तिजनक वस्तुएं फेंकने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों में खुद ही पुलिस के सामने ईशनिंदा का अपना अपराध स्वीकार किया है. लेकिन अब्दुल रहीम और तौफीक का हृदय परिवर्तन अचानक ही नहीं हो गया. अपराध में शामिल तीन साथियों में से एक की अकाल मौत हो गई. मरते हुए उस साथी ने अपने दोस्तों को नसीहत दी कि वे देवता के प्रकोप से बचने के लिए अपना जुर्म कुबूल कर लें.
अपने साथी की हालत बिगड़ते और उसे मरते देख दोनों आरोपियों को लगा कि शायद ईशनिंदा ही उनके दोस्त की मौत का कारण हो. फिर क्या था, मौत के भय में दोनों आरोपी मंदिर के पुजारी के पास जा पहुंचे. इसके बाद पुलिस के सामने भी दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
क्या था मामला
कुछ दिनों पहले मंगलौर के कोरगाजा मंदिर में भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए या किसी टोना-टोटका की नीयत से तीन लोगों ने कुछ आपत्तिजनक वस्तुएं एक मंदिर के प्रांगण में फेंक दीं. घटना के कुछ दिनों बाद उनमें से एक की मौत हो गई. बाकी दो ने मौत के डर से अपराध कुबूल कर लिया.
मंगलौर के पुलिस आयुक्त एन. शशि कुमार ने कहा कि जोकाटे के रहने वाले दोनों आरोपी अपने दोस्त नवाज की मौत के बाद डरे हुए थे, नवाज ने मंदिर में पहले भी शौच किया था, वह कथित रूप से काले जादू में फंसा था, नवाज जब बीमार पड़ा तो उसने साथियों को अपना अपराध स्वीकार करने के लिए कहा था. आरोपियों ने अपने अपराध को मंदिर के पुजारी के सामने स्वीकार किया. मंदिर अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को खबर दी. इसके बाद आईपीसी 153 ए के तहत दोनों को गिरफ्तार किया गया था. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है.