संसद में मॉनसून सत्र का यह आखिरी सप्ताह है, 13 अगस्त को मानसून सत्र का समापन हो जाएगा लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही अब तक लगातार बाधित हुई है। संसद का मॉनसून सत्र अब तक विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। राज्यसभा में मंगलवार को हालात बदतर हो गए और विपक्षी सांसद सदन की मर्यादा लांघते हुए टेबल पर चढ़कर हंगामा किया।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामे को लेकर निंदा की और कहा कि विपक्ष का कोई भी सदस्य सरकार को मजबूर नहीं कर सकता कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। एएनआई के सूत्रों के अनुसार, वेंकैया नायडू हंगामा करने वाले और आसन की तरफ रूल बुक फेंकने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सदन के नेता पीयूष गोयल और अन्य भाजपा सांसदों ने आज सुबह वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसानों के नाम पर मर्यादा तोड़ना अराजकता है। वहीं संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में विपक्ष के हंगामे को असंसदीय और हदें पार करने वाला करार दिया, उन्होंने आसन को भी नहीं बख्शा, जमकर अपमान किया।
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों का हंगामा करीब डेढ़ घंटे तक होता रहा। बाद में मार्शल इन लोगों को सदन के बाहर ले गए और इसके बाद थोड़ी देर के लिए सदन स्थगित कर दिया गया। हालांकि सदन फिर शुरू होने पर इन सदस्यों ने फिर मेज पर चढ़कर हंगामा शुरू कर दिया। सदन में विपक्ष के कई सदस्य विरोध जताने के लिए काले कपड़े और काला मास्क पहनकर आए थे।
वहीं दूसरी ओर लोकसभा में हंगामे पर बोले स्पीकर ओम बिरला के एक बार फिर विपक्ष के सांसदों को नसीहत दी। बिरला ने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्य जनहित के विषय पर चर्चा संवाद नहीं चाहते, नारेबाजी कर रहे सदस्य आदिवासी, गरीब, दलित शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग की बात नहीं करना चाहते। आदिवासी दिवस पर आदिवासी समाज के कल्याण पर सदन में बात नहीं हुई, मैं चाहता हूं कि सदन में चर्चा और संवाद हो लेकिन आप हंगामा कर रहे हैं।