अक्टूबर-नवंबर के बीच होने वाले टी20 विश्वकप (T20 World Cup) के लिए जब भारतीय टीम का ऐलान किया गया तो एक हैरान करने वाली खबर भी सामने आई. भारत को पहला और इकलौता टी20 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की टीम इंडिया में वापसी हुई. नहीं बतौर खिलाड़ी नहीं बल्कि मेंटॉर. इस बात की उम्मीद नहीं की जा रही थी लेकिन बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में धोनी, टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली से बात कर ली है और सभी इसे लेकर एक मत हैं. तभी धोनी को मेंटॉर बनाया गया है.
इस खबर के आने के बाद भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने उम्मीद जताई है कि धोनी के बतौर मेंटॉर आने से उनके और कोच शास्त्री के बीच मतभेद न हों, इसे लेकर उन्होंने अपना एक उदाहरण भी दिया. गावस्कर ने साथ ही बीसीसीआई के इस फैसले का स्वागत भी किया है.
जॉन राइट को किया याद
गावस्कर ने समाचार चैनल आजतक से कहा, “उनकी (धोनी) की कप्तानी में भारत ने 2011 में वनडे विश्व कप जीता था और इसके चार साल पहले भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप पर कब्जा किया. इससे निश्चित तौर पर टीम को फायदा होगा. 2004 में मुझे टीम का सलाहकार बनाया गया था. उस समय जॉन राइट टीम के कोच थे और वह थोड़ा नर्वस हो गए थे क्योंकि उन्हें लग रहा था कि मैं उनकी जगह लेने आया हूं, लेकिन शास्त्री जानते हैं कि धोनी की कोचिंग में दिलचस्पी नहीं है. शास्त्री और धोनी की साझेदारी अगर काम करती है तो इससे भारत को काफी ज्यादा फायदा होगा, लेकिन अगर रणनीतियों और टीम सेलेक्शन को लेकर असहमति हो तो इसका टीम पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन धोनी का टीम में आना बहुत बड़ी बात है.”
उन्होंने कहा, “उनके पास काफी अनुभव है. वह सब कुछ जानते हैं. जब वह इंटरनेशल क्रिकेट में सक्रिय थे तब उनसे बड़ा विध्वंसक कोई खिलाड़ी नहीं था. धोनी की नियुक्ति भारत के लिए बहुत अच्छी खबर है, लेकिन मैं बस यही उम्मीद कर रहा हूं कि कोई विवाद न हो. शास्त्री और धोनी एकमत रहते हैं तो ये भारत के लिए बहुत बड़ी बात होगी.”
अश्विन की वापसी पर कही ये बात
धोनी के अलावा चयनकर्ताओं ने एक और हैरानी भरा फैसला लिया. चार साल बाद रविचंद्रन अश्विन की वापसी हो रही है. उन्हें विश्व कप की टीम में चुना गया है. उन्होंने कहा, “अश्विन का टीम में वापस आना अच्छी खबर है, लेकिन सवाल यह है कि उन्हें अंतिम-11 में जगह मिलती है या नहीं. 15 में उनका चयन करना अच्छा है. इंग्लैंड में भी उन्हें चुना गया, लेकिन अभी तक वह खेले नहीं हैं. उन्हें सांत्वना दी गई है, ताकि इंग्लैंड दौरे की निराशा की भरपाई की जा सके. देखना होगा कि वह अंतिम-11 में खेलते हैं या नहीं.”