झारखंड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. ताजा मामला लातेहार जिले से का है. यहां स्वास्थ्य विभाग ने बंध्याकरण का लक्ष्य पूरा करने के लिए सात बेड के अस्पताल में 14 मरीजों को भर्ती कर लिया. वहीं ऑपरेशन के बाद इस कड़कती ठंड में सात मरीजों को फर्श पर सुला दिया. मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों ने जहां विरोध जताया है, वहीं विभाग से लेकर सरकार तक हड़कंप मचा हुआ है. अभी राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बिजली चले जाने की वजह लिफ्ट में फंसकर एक नाबालिग की मौत हो गई थी.
यहां लातेहार में ही पिछले दिनों बालूमाथ सीएससी अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता के कारण मृत आदिवासी युवक का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिल पायी थी. मजबूरी में मृतक के परिजन सामान ढोने वाले ठेले पर शव लादकर ले गए थे. अब ताजा मामला लातेहार जिले के मनिका प्रखंड मुख्यालय का है. यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त बेड न होने के बावजूद विभाग ने 14 महिलाओं को बंध्याकरण के लिए भर्ती कर लिया. वहीं टार्गेट पूरा होने के बाद इन महिलाओं को आराम करने के लिए फर्श पर लेटने के लिए कह दिया गया.
बता दें कि इस अस्पताल में केवल सात बेड ही उपलब्ध हैं. लातेहार जिले के चिकित्सा प्रभारी डॉ दिव्य क्षितिज कुजुर ने स्वीकार किया है कि अस्पताल में केवल 7 बेड ही उपलब्ध हैं. जबकि 14 महिलाओं को बंध्याकरण के लिए भर्ती किया गया था. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त ऑपरेशन करने का दबाव के कारण बाकी मरीजों को जमीन पर डबल गद्दा डालकर लेटाया गया था. उन्होंने बताया कि महिला के परिजन ही डॉक्टर पर काफी दबाव बनाते हैं. जिस कारण उनका ऑपरेशन करना पड़ता है.
मामले की जानकारी होने पर एक तरफ जहां स्थानीय लोगों ने आक्रोश प्रकट किया है, वहीं कई लोगों ने संबंधित फोटो और वीडियो सरकार के मंत्रियों और विभाग के आला अधिकारियों को टैग कर चुटकी भी ली है. उधर, मरीजों के परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के लिए भी काफी हील हुज्जत करनी पड़ी है. अस्पताल में जरूरी संसाधनों का घोर अभाव है. इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है.