देश की चार प्रमुख पीठों में शामिल ज्योतिष एवं द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का आज मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित गोटेगांव के समीप झोतेश्वर धाम में निधन हो गया।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने झोतेश्वर धाम परिसर में स्थित अपने आश्रम में अपरान्ह अंतिम सांस ली। वे अपने जीवन के 98 वर्ष पूरे कर चुके थे। अंतिम समय में शंकराचार्य के अनुयायी और शिष्य उनके समीप थे। उनके बृह्मलीन होने की सूचना के बाद आसपास के क्षेत्रों से भक्तों की भीड़ आश्रम की ओर पहुंचने लगी।
नरसिंहपुर स्थित झोतेश्वर परमहंसी गंगा आश्रम में रविवार दोपहर 3.30 बजे अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हाल ही में 2 सितंबर को उन्होंने अपना 99 वां जन्मदिन मनाया था। वह द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे। शंकराचार्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया था।
झोतेश्वर धाम सूत्रों के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की पार्थिव देह को पालकी में रखकर आज शाम को ही झोतेश्वर धाम में दर्शनार्थ रखा जाएगा। भक्त और अनुयायी उनके अंतिम दर्शन लाभ ले सकेंगे। अनुयायी कल यानी सोमवार को भी उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। बताया गया है कि उनका अंतिम संस्कार सोमवार को ही किए जाने की संभावना है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के भक्त देश विदेश में फैले हुए हैं। उनका जन्म राज्य के महाकौशल अंचल के ही सिवनी जिले के दिघौरी में 1924 में हुआ था।