वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे हुआ. सर्वे की रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल भी हो गई है. सर्वे के अंतिम दिन वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया गया. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग नहीं, फव्वारा है. शिवलिंग और फव्वारे की इस बहस में अब नया मोड़ आ गया है.
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने दावा किया है कि वजूखाने के भूतल में शिवलिंग है. उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए दावा किया है कि भूतल में विश्वेश्वर महादेव मौजूद हैं. कुलपति तिवारी ने ये मांग भी की है कि काशी विश्वनाथ धाम परिसर में नंदी के मुख के सामने जो दरवाजा है, उसे खुलवाकर बाबा विश्वेश्वर महादेव की पूजा करने दी जाए.
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने अपने दावे के समर्थन में कुछ पुरानी तस्वीरें भी दिखाईं. उन्होंने कहा कि मेरी कोर्ट से ये प्रार्थना है कि वजूखाने के भूतल में मौजूद बाबा विश्वेश्वर के शिवलिंग का पूजन करने की इजाजत दी जाए. कुलपति तिवारी ने ये भी कहा कि इसे लेकर 23 मई को कोर्ट में याचिका दाखिल करूंगा.
उन्होंने कहा कि भूतल में मौजूद बाबा पर किसी का दावा नहीं है. मेरे पास भूतल में शिवलिंग के प्रमाण भी हैं जिसे कोर्ट में पेश करूंगा. कुलपति तिवारी ने कहा कि जब प्रमाण मिले हैं तो बाबा का पूजन होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जो लोग कथित शिवलिंग को फव्वारा के रहे हैं वो पहले तल पर है. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत ने कहा कि मैं भूतल में मौजूद बाबा विश्वेश्वर के पूजन का दावा कर रहा हूं.
कुलपति तिवारी ने साथ ही ये भी कहा है कि मेरा उद्देश्य कहीं से भी माहौल खराब करना नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग बस बंद पड़े बाबा विश्वनाथ के पूजन के लिए है. गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा के अधिकार और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद विग्रहों की पूजा, देखरेख के अधिकार की मांग के साथ महिलाओं ने पिछले साल सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दायर किया था.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने कमीशन का गठन कर सर्वे कराने के आदेश दिए थे. सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक चिह्न, त्रिशूल जैसी आकृतियां मिलने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया गया था. अंतिम दिन के सर्वे में वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा भी हिंदू पक्ष की ओर से किया गया था जिसे लेकर इन दिनों पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है.