बीते हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बात की।दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के बीच बीते सात महीनों में कोई बातचीत नहीं हुई थी। इस दौरान बाइडेन ने जिनपिंग के सामने पहली मुलाकात का प्रस्ताव भी रखा लेकिन एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिनपिंग ने इस ऑफर को ठुकराते हुए उल्टे यूएस को ही आंखें दिखा दीं। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शी ने न सिर्फ बाइडेन के साथ मुलाकात के प्रस्ताव को ठुकराया बल्कि अमेरिका से यह भी कहा कि वह बीजिंग के प्रति अपने कड़े रवैये में थोड़ी नरमी लाए। अखबार ने बीते गुरुवार को हुई फोन कॉल के कुछ जानकारों से बीतचीत कर यह रिपोर्ट छापी है।
व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को लेकर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं दी है। लेकिन 90 मिनट तक चली बाइडेन और शी की फोन कॉल के बारे में जिन लोगों को ब्रीफिंग दी गई, उनमें से एक सूत्र ने रिपोर्ट की पुष्टि की है। सूत्र ने बताया कि कॉल के दौरान शी जिनपिंग ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि पहले दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की जरूरत है। वॉशिंगटन में स्थित चीनी दूतावास ने भी इस रिपोर्ट पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि बाइडेन ने दोनों नेताओं के बीच पहली फेस-टु-फेस समिट का प्रस्ताव रखा और उन्हें शी की ओर से इतने त्वरित जवाब की उम्मीद तक नहीं थी। रिपोर्ट में एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि शी ने समिट के विचार पर जरा भी ध्यान नहीं दिया। हालांकि, व्हाइट हाउस की नजर में इसकी एक संभावित वजह कोरोना महामारी भी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया था कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और साझा हित के प्रासंगिक मुद्दों पर स्पष्ट, गहन और व्यापक रणनीतिक चर्चा की थी। वहीं, व्हाइट हाउस ने भी बताया था कि दोनों नेताओं के बीच “व्यापक, रणनीतिक चर्चा” हुई, जिसका उद्देश्य बीजिंग और वाशिंगटन के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता का प्रबंधन करना था।